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रणजीत सिंह मर्डर केस: पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पलटा CBI कोर्ट का फैसला, राम रहीम को किया बरी

नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार (28 मई) को डेरा सच्चा सौदा (DSS) प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में बरी कर दिया. हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने डेरा प्रमुख की तरफ से अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार करते हुए ये आदेश पारित किए हैं.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और चार अन्य को बरी कर दिया. 2021 में, एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कोर्ट ने राम रहीम और मामले के अन्य आरोपियों को सिंह की हत्या का दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

राम रहीम के वकील ने सुनवाई के बाद कहा, ‘पंजाब और हरियाणा HC ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उनके पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में बरी कर दिया है’. बता दें कि, रणजीत की 10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरूक्षेत्र में उनके पैतृक निवास पर चार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. थानेसर पुलिस स्टेशन में हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 10 नवंबर 2003 को हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

अक्टूबर 2021 में पंचकुला की सीबीआई कोर्ट ने आरोपी जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) के साथ 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दंडनीय अपराध का दोषी ठहराया था. डेरा प्रमुख राम रहीम, अवतार सिंह, जसबीर सिंह, सबदिल सिंह और कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120 बी के साथ आईपीसी की धारा 302 और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के साथ धारा 120 बी के तहत अपराध का दोषी ठहराया गया. इसके अलावा, सीबीआई कोर्ट ने सबदिल सिंह को शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 27 के तहत अपराध का दोषी ठहराया.

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