अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर राहुल गांधी: चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, आरक्षण और सिखों को लेकर बड़ा बयान

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। शनिवार से शुरू हुई उनकी यात्रा का पहला पड़ाव डलास था, जहां वे भारतीय समुदाय के सदस्यों और युवाओं से मिले। सोमवार को वे वाशिंगटन पहुंचे और वहां उन्होंने विभिन्न अमेरिकी सांसदों और वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की योजना बनाई है। इस यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने आरएसएस की नीतियों और भारत के संदर्भ में उसके दृष्टिकोण की आलोचना की।

आरक्षण पर राहुल का बयान
राहुल गांधी ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत के दौरान आरक्षण पर अपने विचार साझा किए। छात्रों द्वारा आरक्षण की अवधि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब भारत में निष्पक्षता होगी, तब वे आरक्षण समाप्त करने के बारे में सोचेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में निष्पक्षता की स्थिति नहीं है, और आदिवासी, दलित, और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।

समान नागरिक संहिता पर राहुल की टिप्पणी
समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि वे भाजपा के प्रस्ताव को देखने के बाद ही इस पर टिप्पणी करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को अभी तक देखा नहीं गया है, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी करना समय पूर्व होगा।

‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों में मतभेद
राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि ‘इंडिया’ गठबंधन में कुछ मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि गठबंधन की सरकारें सफल रही हैं और भविष्य में भी सफल हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि सभी गठबंधन में थोड़े बहुत मतभेद होते हैं, जो कि सामान्य हैं।

आरएसएस पर राहुल का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस की विचारधारा विभाजनकारी है और यह भारत की विविधता को समझने में असमर्थ है।

सिखों पर राहुल की टिप्पणी
राहुल गांधी ने एक सिख व्यक्ति से पूछा, ‘‘क्या एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं?’’ उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सिखों के लिए नहीं बल्कि सभी धर्मों के लिए है, और यह अधिकार सभी को मिलना चाहिए।

लोकसभा चुनावों पर राहुल का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारत में हाल के लोकसभा चुनावों में समान अवसर उपलब्ध नहीं थे और चुनावों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव काफी हद तक नियंत्रित थे और कांग्रेस ने चुनाव लड़ने में कई बाधाओं का सामना किया।

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