अमेरिका में रिश्वत कांड पर राहुल गांधी का हमला, बोले- ‘अडानी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए’

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में रिश्वत कांड को लेकर कारोबारी गौतम अडानी पर बड़ा हमला बोला है। गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गौतम अडानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पीएम मोदी अडानी को संरक्षण दे रहे हैं और उनके साथ अपराध में संलिप्त हैं।

‘पीएम मोदी का अडानी से संबंध’
राहुल गांधी ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि अडानी ने अमेरिका और भारत दोनों जगह कानून तोड़े हैं। मुझे हैरानी है कि वह अब भी खुले क्यों घूम रहे हैं, जबकि कई मामलों में मुख्यमंत्रियों तक को गिरफ्तार किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।’ उन्होंने मांग की कि गौतम अडानी की तुरंत जांच और पूछताछ होनी चाहिए और मामले में शामिल सभी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाए।

शीतकालीन सत्र में उठाएंगे मुद्दा
राहुल गांधी ने दावा किया कि इस मामले की गहराई से जांच होगी तो प्रधानमंत्री मोदी का नाम भी सामने आएगा। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करेगा।

अडानी पर क्या हैं आरोप?
अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अनुबंध और वित्त पोषण हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। इस मामले में अडानी ग्रुप पर 2020 से 2024 के बीच 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप है।

साजिश और निवेशकों से धोखाधड़ी
अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि अडानी ने भारतीय उपमहाद्वीप में सोलर प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह बात अमेरिकी निवेशकों से छिपाई। इस मामले में सागर अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी के पूर्व सीईओ विनीत जैन का भी नाम शामिल है।

राहुल गांधी का सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि देश में बड़े कारोबारी और नेता कानून से ऊपर नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी मामले में सरकार की चुप्पी दर्शाती है कि इसमें शीर्ष स्तर पर मिलीभगत है। विपक्ष इस मुद्दे को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जोरशोर से उठाने की तैयारी कर रहा है।

अमेरिका में चल रही इस जांच के कारण अडानी ग्रुप को पहले ही भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार और अडानी ग्रुप की ओर से क्या जवाब आता है।

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