गुणवत्ता नियंत्रण आदेश एमएसएमई को देश के बाहर से अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाते हैं: पीयूष गोयल

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को केवल छोटे उद्यम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उन्हें देश की बड़ी ताकत के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने आज नई दिल्ली में 10वें भारत अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई स्टार्टअप एक्सपो और शिखर सम्मेलन 2024 में यह बात कही। गोयल ने एमएसएमई की सफलता और उनके द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिए जा रहे योगदान की सराहना की, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।

गोयल ने कहा कि एमएसएमई के उद्यमियों की पहचान उनके नवीन विचारों और काम करने के नए तरीकों से होती है। उन्होंने यह भी बताया कि बड़े उद्योगों और उद्यमों के परितंत्र में एमएसएमई महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये उद्योग उन्हीं पर निर्भर करते हैं। एमएसएमई बड़े उद्योगों के लिए आपूर्तिकर्ता और ग्राहक दोनों के रूप में कार्य करते हैं।

वाणिज्य मंत्री ने एमएसएमई के देश के पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि देश के निर्यात में एमएसएमई की बड़ी हिस्सेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि एमएसएमई का विकास देश की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, और सरकार के फोकस क्षेत्र में है।

गोयल ने कहा कि सरकार गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र की मदद कर रही है। क्यूसीओ के तहत, एमएसएमई को जरूरतों को पूरा करने के लिए समय दिया जा रहा है, जिससे उन्हें दो महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं। पहला, क्यूसीओ देश के बाहर से आने वाली घटिया वस्तुओं के आयात को रोकते हैं, जिससे एमएसएमई को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाया जाता है। दूसरा, क्यूसीओ के तहत मानकों को पूरा करने के बाद एमएसएमई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी और लाभदायक बन सकते हैं। गोयल ने बताया कि क्यूसीओ ने विभिन्न क्षेत्रों में किस तरह से लाभ पहुंचाया है।

 

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