Date:

पुणे पोर्श कार हादसा: 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए नाबालिग आरोपी के पिता समेत 6 आरोपी

नई दिल्ली। इन दिनों पुणे पोर्श कार हादसे की चर्चा हर जगह हो रही है. देश में ऐसा कोई शख्स नहीं जो इस भीषण सड़क हादसे का जिक्र नहीं कर रहा. इस बीच, केस में बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल, पुणे की एक विशेष अदालत ने नाबालिग आरोपी के पिता समेत सभी 6 अपराधियों को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले शुक्रवार सुबह बताया गया कि इस केस में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के खिलाफ दो और मुकदमे दर्ज होंगे. जानकारी के अनुसार, विशाल के खिलाफ धारा 201 और धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.

हादसे के वक्त कौन चला रहा था गाड़ी? पुलिस ने सब सच बताया
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि इस केस में ऐसा दिखाने की कोशिश की गई है कि हादसे के समय गाड़ी 17 वर्षीय किशोर नहीं चला रहा था बल्कि एक वयस्क पोर्श कार को चला रहा था. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में कुछ पुलिस कर्मियों की चूक की ओर इशारा किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नाबालिग आरोपी के पिता के खिलाफ केस दर्ज
खून के निशान के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि किशोर को मामला दर्ज होने के बाद रविवार सुबह करीब नौ बजे ससून अस्पताल भेजा गया था. उन्होंने स्वीकार किया, रक्त के नमूने लेने में देरी हुई और रात 11 बजे नमूने लिए गए लेकिन हमारे मामले में खून की रिपोर्ट प्रमुख आधार नहीं है. कुमार ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है और किशोर को अच्छी तरह पता था कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने से इस तरह का अपराध हो सकता है और लोगों की जान जा सकती है.

एहतियाती उपाय के रूप में, एक अन्य प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए अतिरिक्त रक्त नमूने लिए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नमूने और डीएनए रिपोर्ट दोनों एक ही व्यक्ति के हों. उन्होंने कहा, हमें रक्त जांच की रिपोर्ट नहीं मिली हैं लेकिन प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है. कुमार ने कहा कि प्रारंभिक प्राथमिकी में धारा 304 ए (लापरवाही से मौत) लागू की गई थी, लेकिन उसी दिन इसकी जगह धारा 304 को लागू किया गया.

हादसे को लेकर एक्शन में पुणे पुलिस
पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले को पुख्ता बनाने के लिए सभी साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं. एसीपी स्तर के एक अधिकारी को जांच सौंपी जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या सबूतों के साथ छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट करने का कोई प्रयास किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि अदालत में पुलिस का पक्ष प्रभावी तरीके से रखने के लिए विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाएगी. कुछ पुलिस कर्मियों को गलत तरह से काम कराने के लिए मनाने के आरोपों के बारे में शिकायतों पर कुमार ने कहा कि पुलिस ने शुरू से ही सख्त रुख अपनाया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top