नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार हादसे के मामले में अब अस्पताल के प्यून सहित दो डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों डॉक्टरों पर आरोप हैं कि उन्होंने नाबालिग के पिता से रिश्वत लेकर नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ की. इन दोनों डॉक्टरों ने सब आरोपी को पुलिस की पूछताछ से बचाने के लिए किया है ताकि इस बात का पता न लगाया जा सके कि आरोपी नाबालिग ने गाड़ी चलाने के दौरान शराब पी थी. इसके अलावा अस्पताल के प्यून को भी ब्लड सैंपल के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में सोमवार (27 मई) को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस पूरे मामले की जानकारी दी.
माना जा रहा है कि इन दो डॉक्टरों को 3 लाख रुपये की रिश्वत दिलवाई गई थी. बदले गए सैंपल में शराब की कोई मात्रा नहीं पाई गई थी, जबकि असली सैंपल में शराब होने का शक है. पुलिस ने सोमवार को आरोपियों के पास से लगभग 3 लाख रुपये कैश बरामद किया. इन डॉक्टरों के नाम डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरी हलाणे हैं. डॉ. तावरे ससून अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख हैं और डॉ. हलाणे मुख्य मेडिकल ऑफिसर हैं. इन पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग ड्राइवर के खून के सैंपल के साथ छेड़छाड़ की. दोनों डॉक्टरों को 30 मई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
पुलिस का कहना है कि नाबालिग के पिता, जो एक बिल्डर हैं, उन्होंने डॉक्टरों में से एक को फोन करके ब्लड सैंपल बदलने के लिए कहा था. पुलिस अब ये पता लगाना चाहती है कि सैंपल बदलने के और कौन से निर्देश दिए गए थे. पुणे पुलिस ने मूल मामले में लगे आरोपों के साथ आईपीसी की धारा 201, 120-बी, 467, 213 और 214 जोड़ दी हैं.