पड़ोसी राज्यों में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार, 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर समस्या पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि पर्यावरण संरक्षण के नियमों को 10 दिनों के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा और संबंधित अधिनियम को पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम भारत संघ को कठघरे में खड़ा करेंगे। अब तक कोई प्रभावी मशीनरी नहीं बनाई गई है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम अपनी शक्ति खो चुका है। आपने धारा 15 में संशोधन करके सजा को खत्म कर दिया है और उसकी जगह सिर्फ जुर्माना लगा दिया है। यह जुर्माना प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित नहीं कर सकता।”
‘यह सब राजनीतिक है’
ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को सूचित किया कि पंजाब और हरियाणा दोनों के पर्यावरण सचिवों और कृषि सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, “10 दिनों के भीतर, अधिनियम की धारा 15 को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।”
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर राज्य सरकारें और केंद्र पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गंभीर होते, तो धारा 15 में संशोधन से पहले ही आवश्यक कदम उठा लिए जाते। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित लगता है।”
दिल्ली की बिगड़ती हवा
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुकी है, और बुधवार को कई क्षेत्रों में यह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। सर्दियों की शुरुआत के साथ, हरियाणा और पंजाब में फसल अवशेषों को जलाने से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो रही है, जो यहां की वायु गुणवत्ता को खतरनाक बना रही है।