मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को काले झंडे दिखाए जाने के मामले ने सियासत को गरमा दिया है। सोमवार को इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने कहा कि उन्हें दूसरों द्वारा की गई आलोचना की परवाह नहीं है और उनका ध्यान केवल सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन के प्रमुख नेताओं की बातों पर केंद्रित है।
क्या कहा अजित पवार ने?
पवार ने मुंबई में अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान कहा, “दूसरों की टिप्पणियों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं शिवसेना के नेता एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, भाजपा के चंद्रशेखर बावनकुले और देवेंद्र फडणवीस जैसे प्रमुख नेताओं की बातों पर ध्यान देता हूं।”
बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध
बीजेपी की जुन्नार प्रमुख आशा बुचके के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार के काफिले को काले झंडे दिखाए थे। राकांपा ने गृह विभाग के जिम्मेदार देवेंद्र फडणवीस से पूछा था कि क्या वे भाजपा कार्यकर्ताओं के व्यवहार को स्वीकार करते हैं। आशा बुचके ने आरोप लगाया कि राकांपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए जुन्नार सीट पर अपने उम्मीदवार को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।
आशा बुचके की प्रतिक्रिया
बुचके ने कहा कि रविवार को जुन्नार में पर्यटन विकास पर एक आधिकारिक बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन भाजपा को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि महायुति का हिस्सा हैं तो बैठक कक्ष में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस की तस्वीरें क्यों नहीं लगाई गईं।
पवार की आत्म-स्वीकृति
अजित पवार ने पिछले हफ्ते स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव में खड़ा करके गलती की थी। उन्होंने कहा, “मैं अपनी सभी बहनों से प्यार करता हूं और राजनीति को घर में प्रवेश नहीं देना चाहिए। मैंने राकांपा के संसदीय बोर्ड के फैसले का पालन किया, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह गलत था।”