नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है, शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गया है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और कई जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बाद अब क्रिकेट भी प्रभावित हो रहा है।
बांग्लादेश में जारी विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा के चलते महिला टी20 विश्व कप 2024 के आयोजन पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। देश में हो रही हिंसा को देखते हुए कोई भी टीम इस समय वहां का दौरा करने से कतरा रही है। ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली ने कहा है कि बांग्लादेश में खेलने के बारे में सोचना भी मुश्किल है। महिला टी20 विश्व कप 2024 का आयोजन तीन से 19 अक्टूबर तक बांग्लादेश में होना है, जिसमें गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया सहित 10 टीमें भाग लेंगी।
एलिसा हीली ने कहा, “अक्टूबर में बांग्लादेश में महिला टी20 विश्व कप खेलना शायद सही नहीं होगा क्योंकि इससे देश पर बहुत दबाव पड़ेगा, जो अब भी बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और विरोध-प्रदर्शनों से उबर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।”
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है। हीली ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से कहा, “इस समय वहां खेलने के बारे में सोचना मुश्किल है, एक इंसान के तौर पर मुझे लगता है कि ऐसा करना गलत होगा। यह ऐसे देश से संसाधन छीनना होगा जो काफी संघर्ष कर रहा है। उन्हें उन सभी लोगों की जरूरत है जो मर रहे लोगों की मदद के लिए वहां पहुंच सकें।”
हीली ने कहा कि अंतिम निर्णय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को लेना है, जिसका फैसला इस सप्ताह आने की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा जताया कि भले ही टूर्नामेंट को कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाए, लेकिन इससे बांग्लादेश में क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित करने से कहीं ज्यादा जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में बांग्लादेश में सीमित ओवरों की सीरीज खेली थी, जिसमें सभी छह मैच ढाका के शेर-ए-बांग्ला राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए थे। ऑस्ट्रेलिया ने मार्च-अप्रैल में बांग्लादेश के खिलाफ आयोजित सभी छह मैच जीते थे। यह 2014 के टी20 विश्व कप के बाद ऑस्ट्रेलिया का बांग्लादेश का पहला दौरा था और टी20 विश्व कप की उनकी तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण था।