प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के जमशेदपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए

जमशेदपुर। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड के जमशेदपुर जिले में एक महत्वपूर्ण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत लाभार्थियों को नए आवासों के स्वीकृति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर लगभग 8,000 लाभार्थियों को 32 करोड़ रुपये की पहली किस्त का डिजिटल ट्रांसफर सीधे उनके बैंक खातों में किया गया। साथ ही, प्रधानमंत्री ने 46,000 लाभार्थियों के नए बने घरों का गृह प्रवेश भी कराया, जिनका निर्माण कार्य 2022-23 और 2023-24 में पूरा किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है, जिसे 2016 में “सभी के लिए आवास” के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के कच्चे और जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले परिवारों और बेघर परिवारों को पक्का घर प्रदान किया जा रहा है, साथ ही अन्य योजनाओं के साथ समन्वय कर बुनियादी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

पीएमएवाई-जी का उद्देश्य केवल पक्का आवास प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि उन घरों में शौचालय, स्वच्छ ईंधन, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाओं का भी प्रावधान करना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत 90-95 दिनों की मजदूरी का लाभ भी मिलता है, जिससे वे अपने घरों का निर्माण कर सकें। इसके अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ समन्वय कर, इन घरों में शौचालय और स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि योजना के तहत अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से पीएमएवाई-जी परिवारों की महिला सदस्यों को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में शामिल किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को बेहतर आजीविका के अवसर मिल सकें। आने वाले पाँच वर्षों में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लाभार्थियों को सोलर रूफ टॉप लगाने की भी योजना है।

योजना के तहत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 100% आवासों को स्वीकृति मिल चुकी है और 2.66 करोड़ आवासों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। पिछले दस वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 3.42 करोड़ आवासों का निर्माण किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक आवासों की आवश्यकता को देखते हुए, योजना का विस्तार किया गया है और अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ नए आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिनकी लागत 3.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगी।

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