नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ और नौ जुलाई को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. जहां वह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इन दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया जाएंगे जो 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी. करीब पांच साल में मोदी की यह पहली रूस यात्रा होगी. रूस की उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी जब उन्होंने व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में शिरकत की थी.
भारत और रूस के संबंध
भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को लेकर सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं.
दिसंबर 2021 में दिल्ली आए थे व्लादिमीर पुतिन
पिछला शिखर सम्मेलन छह दिसंबर 2021 को दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे. शिखर सम्मेलन में दोनों पक्षों ने 28 समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत-रूस साझेदारी शीर्षक से एक संयुक्त वक्तव्य भी जारी किया.
उज्बेकिस्तान में हुई थी दोनों की मुलाकात
मोदी और पुतिन ने पिछली बार 16 सितंबर 2022 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की थी. बैठक में मोदी ने पुतिन पर यूक्रेन में संघर्ष समाप्त करने के लिए दबाव डालते हुए कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं है.’
यूक्रेन जंग को लेकर कही थी ये बात
पीएम मोदी ने कहा था, ‘मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है. हमने इस मुद्दे पर कई बार फोन पर चर्चा की है कि लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद पूरे विश्व को प्रभावित करते हैं.’ फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है.
रूस के साथ अपनी गहरी मित्रता को दर्शाते हुए भारत ने अब तक यूक्रेन पर मॉस्को के हमले की निंदा नहीं की है तथा वह यह कहता रहा है कि इस संकट का समाधान कूटनीति और बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए.
ऑस्ट्रिया जाएंगे पीएम मोदी
जी-7 देशों द्वारा मूल्य सीमा तय करने के बावजूद रूस से भारत को होने वाले कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इससे कई पश्चिमी देशों में खरीद को लेकर बेचैनी बढ़ी है. मोदी रूस से ऑस्ट्रिया जाएंगे. वह नौ और 10 जुलाई को ऑस्ट्रिया में रहेंगे.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी. वह ऑस्ट्रिया गणराज्य के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलन से मुलाकात करेंगे और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ वार्ता करेंगे.’
मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री और चांसलर भारत और ऑस्ट्रिया के दिग्गज उद्यमियों को भी संबोधित करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी मॉस्को और वियना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे.