नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के समाप्त होते ही पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक मेडिटेशन के लिए कन्याकुमारी प्रवास पर रहेंगे. जहां पर वे रॉक मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और ध्यान मंडपम में ध्यान लगाएंगे. यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने कभी ध्यान लगाया था. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण के बाद पीएम मोदी कन्याकुमारी आध्यात्मिक प्रवास के लिए पहुंचेंगे. यहां पर कोई पॉलिटिकल प्रोग्राम नहीं होगा.
कन्याकुमारी वह स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे, जिसका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा. बहुत से लोगों का मानना है कि गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ जैसी यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में खास महत्व रखती है. स्वामी विवेकानंद ने इस स्थान पर तीन दिनों तक ध्यान लगाया था, जिसे अब ध्यान मंडपम के नाम से जाना जाता है. यह स्थान न केवल ऐतिहासिक है बल्कि हिंदू पौराणिक कथाओं में भी इसका महत्व है. माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव की प्रतीक्षा करते हुए इस स्थान पर ध्यान लगाया था.
कन्याकुमारी भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है और देश के पूर्वी और पश्चिमी समुद्र तटीय रेखाओं के मिलन बिंदु के रूप में काम करता है. इसके अलावा, यह वह स्थान है जहां हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं, जिसकी वजह से यह यूनिक जियोग्राफिकल स्थान बन जाता है.
चुनाव प्रचार समाप्त करने के बाद, पीएम मोदी अक्सर आध्यात्मिक यात्राओं पर जाते हैं. 2019 में, उन्होंने केदारनाथ का दौरा किया, और 2014 में पीएम शिवाजी के प्रतापगढ़ गए.
भाजपा नेताओं के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने अब तक मतदाताओं से आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए हिंदू तीर्थस्थलों को चुना है, लेकिन इस बार उन्होंने राष्ट्रीय एकता का संदेश देने के लिए कन्याकुमारी को चुना है.