नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कजान, रूस में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं ने बहुपक्षवाद को मजबूत करने, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, सतत विकास को आगे बढ़ाने और ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की। सम्मेलन में 13 नए ब्रिक्स भागीदार देशों का स्वागत किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दो सत्रों में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया कई अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना कर रही है, जैसे संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और साइबर खतरे। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिक्स को इन चुनौतियों से निपटने के लिए जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र में एक व्यापक संधि की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने वैश्विक शासन से संबंधित सुधारों के लिए ब्रिक्स से सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने का आह्वान किया।
भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स को ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने ब्रिक्स स्टार्टअप फोरम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आर्थिक एजेंडे में महत्वपूर्ण मूल्य जोड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा प्रबंधन के लिए गठबंधन, मिशन लाइफ और ग्रीन क्रेडिट पहल जैसी हरित पहलों के बारे में भी जानकारी दी और ब्रिक्स देशों को इन पहलों में शामिल होने का आमंत्रण दिया।
शिखर सम्मेलन के समापन पर नेताओं ने ‘कजान घोषणा’ को अपनाया और प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को सफल मेज़बानी के लिए बधाई दी, साथ ही ब्राजील को समूह की अगली अध्यक्षता संभालने पर शुभकामनाएं दीं।