नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने गुरुवार (24 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी कर दिया है वहीं 29 अप्रैल तक इस मामले को लेकर उनसे जवाब मांगा है. चुनाव आयोग के मुताबिक पीएम मोदी और राहुल गांधी के भाषणों में धर्म, जाति, समुदाय के आधार पर नफरत फैलाई जा रही है.
ECI ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 को लागू किया है और स्टार प्रचारकों पर शासन करने के लिए पहले कदम के रूप में पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ एमसीसी के आरोपों का पहले कदम के रूप में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ आदान-प्रदान किया गया. ईसीआई ने 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है.
चुनाव आयोग ने कहा, ‘राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, खासकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक जिम्मेदारी लेनी होगी. उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं. बीजेपी ने सोमवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में गरीबी बढ़ने के बारे में झूठा दावा कर रहे हैं और चुनाव आयोग से उनके खिलाफ “सख्त कार्रवाई” करने का आग्रह किया.’
चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए बीजेपी ने गांधी पर चुनाव का माहौल खराब करने के लिए भाषा और क्षेत्र के आधार पर देश में उत्तर-दक्षिण विभाजन जारी रखने का भी आरोप लगाया. कांग्रेस ने सोमवार को चुनाव आयोग से संपर्क किया और औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई.