नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने निजी लाभ के लिए राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वतंत्रता सेनानियों के नामों का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि याचिका राजनीति से प्रेरित है। क्यों यह एक “राजनीतिक अखाड़ा” बनता जा रहा है।
जनहित याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने संबोधन के दौरान पृष्ठभूमि में स्वतंत्रता सेनानियों डॉ. बीआर अंबेडकर और भगत सिंह का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पूछा, “यह न्यायालय राजनीतिक अखाड़ा क्यों बन गया है।”
इसमें कहा गया कि याचिका में किसी को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया गया है। अनिच्छा को भांपते हुए याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका वापस ले ली।
विनय पाठक नामक व्यक्ति द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ के लिए राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की छवियों और नामों का दुरुपयोग करने की अनुमति देने तक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया, “याचिकाकर्ता के लिए यह देखना बहुत परेशान करने वाला था कि एक समकालीन राजनेता अपनी छवि की तुलना उक्त दो व्यक्तियों से कर रहा है, जो संदेह की छाया से परे राष्ट्रीय नायक और प्रतीक हैं।”