नई दिल्ली। आज चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस की। दोनों ने राम नवमी की शुभकामनाएं देते हुए सवालों के जवाब देना शुरू किए। अखिलेश यादव ने कहा, आज हम दोनों पीसी करने रहे हैं। पश्चिम से हवा चल रही है। बीजेपी की हर बात झूठी निकली। जो सपने दिखाए थे, उसका बुलबुला फूट गया। ये भ्रष्टचारियों के साथ खड़े हैं, डबल इंजन की सरकार में सिंगल दिख रहे हैं। होर्डिंग से इनका सफ़ाया होने जा रहा है। झूठ और लूट बीजेपी की पहचान बन गई है। अखिलेश यादव ने पेपर लीक पर वार करते हुए कहा, लीक की वजह से नौजवानों का भविष्य दाव पर लग गया। वोटिंग के दिन हमें चौकन्ना रहना है, अगर सब ठीक रहा तो देश में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी।
राहुल गांधी ने कहा, ये देश विचारधारा का चुनाव है। एक तरफ़ संविधान को ख़त्म किया जा रहा है दूसरी तरफ़ हम संविधान को बचाने में लगे हैं। चुनाव में महंगाई और बेरोज़गारी और हिस्सेदारी लेकिन बीजेपी डाइवर्ट करने में लगी रहती है। राहुल ने प्रधानमंत्री के ANI को दिए इंटरव्यू पर कहा, यह पूरी तरह से फ्लॉप रहा।electoral बॉण्ड पर प्रधानमंत्री के जवाब का कोई मतलब नहीं था। electoral bond स्कीम दुनिया का सबसे बड़ा extortion है।
क्या अमेठी और रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे..इस सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, अमेठी को लेकर पार्टी का जो आदेश मिलेगा मैं उसको मानूंगा। कांग्रेस नेता ने कहा, “ये भाजपा वाला का सवाल है, बहुत अच्छा। मुझे जो भी आदेश मिलेगा मैं उसका पालन करूंगा। हमारी पार्टी में ये सभी (उम्मीदवारों के चयन) निर्णय CEC द्वारा लिए जाते हैं।”
राहुल गांधी ने कहा, “कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने ANI को एक बहुत लंबा इंटरव्यू दिया। यह स्क्रिप्टेड था, लेकिन यह फ्लॉप शो था। प्रधानमंत्री ने इसमें चुनावी बांड को समझाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री कहते हैं कि चुनावी बांड की व्यवस्था पारदर्शिता के लिए, राजनीति को साफ करने के लिए लाया गया। अगर ये सच है तो सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यवस्था को क्यों रद्द कर दिया। दूसरी बात अगर आप पारदर्शिता लाना चाहते थे तो आपने भाजपा को पैसा देने वालों के नाम क्यों छुपाए। आपने उन तारीखों को क्यों छुपाया जिस दिन उन्होंने आपको पैसे दिए थे? यह दुनिया की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। भारत के सभी कारोबारी इस बात को समझते और जानते हैं और प्रधानमंत्री चाहे कितनी भी सफाई दे दें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार के चैंपियन हैं।”