डोप जांच के लिए नमूना देने से इनकार करने पर निलंबित पहलवान ने कहा -“सरकार बदले की भावना से प्रेरित”

On refusing to give sample for dope test, suspended wrestler said - "Government is motivated by revenge"

नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया, जिन्हें डोप जांच के लिए नमूना देने से इनकार करने के कारण चार साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह प्रतिबंध बदले की भावना से प्रेरित है। पूनिया ने आरोप लगाया कि अगर वह भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल हो जाते, तो यह प्रतिबंध हटा लिया जाता।

नाडा का आरोप
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने 10 मार्च को राष्ट्रीय चयन ट्रायल के दौरान बजरंग पूनिया द्वारा नमूना देने से इनकार करने के बाद उनका निलंबन किया था। इसके बाद, खेलों की विश्व संचालन संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भी उनका निलंबन लागू कर दिया था। नाडा के अनुसार, पूनिया ने डोप जांच के लिए अपनी नमूना देने की प्रक्रिया से इंकार किया था, जो नियमों का उल्लंघन था।

बजरंग पूनिया का बयान
बजरंग ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “यह चौंकाने वाला नहीं है क्योंकि ट्रायल का यह मामला पिछले एक साल से चल रहा है। मैंने पहले भी कहा है कि मैंने नाडा को नमूना देने से इनकार नहीं किया है। जब वे मेरे घर पर डोप जांच के लिए आए थे, तो उनके पास एक ‘एक्सपायरी किट’ (जो दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुकी थी) थी।” उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इस बात का खुलासा किया है।

पूनिया ने कहा, “आप किसी खिलाड़ी को एक्सपायरी किट नहीं दे सकते। जब मेरे घर टीम मौजूद थी, तो उन्होंने जांच की और पाया कि यह किट 2020, 2021 और 2022 की एक्सपायरी किट थी।” उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने मूत्र का नमूना दिया, तो किट की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि यह ‘एक्सपायर’ हो चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने नाडा को इसकी सूचना दी, लेकिन एजेंसी ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की।

राजनीतिक आरोप और निलंबन पर प्रतिक्रिया
पूनिया और उनकी साथी पहलवान विनेश फोगाट इस साल की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने में भाग लेने के कारण बदला लेना चाहती है। उन्होंने कहा, “हमारे विरोध प्रदर्शन के कारण सरकार बदला ले रही है, क्योंकि सभी एजेंसियां सरकार के नियंत्रण में हैं।”

बजरंग पूनिया ने यह भी दावा किया, “मैं पिछले 10-12 सालों से प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं और मैंने सभी टूर्नामेंटों और भारत के शिविरों के दौरान नमूने दिए हैं। लेकिन सरकार का मकसद हमें तोड़ना और उनके सामने झुकाना है। अगर मैं भाजपा में शामिल हो जाता हूं तो मुझे लगता है कि सारे प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे।”

निलंबन के परिणाम
बजरंग पूनिया का यह निलंबन 22 अप्रैल 2028 तक प्रभावी रहेगा, जिसका मतलब है कि वे इस दौरान कोई भी प्रतिस्पर्धी कुश्ती नहीं खेल सकेंगे। इसके अलावा, अगर वे विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो वे ऐसा नहीं कर पाएंगे।

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