जम्मू। जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपना चुनावी वादा पूरा करने की दिशा में कदम उठाते हुए राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव को शनिवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मंजूरी मिल गई। विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) गठबंधन ने जनता से जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था, जिसे अब अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कैबिनेट की बैठक में पारित हुआ प्रस्ताव
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
स्टेटहुड का पहला चरण
राज्य का दर्जा बहाल करना सुधार प्रक्रिया का पहला चरण माना जा रहा है। यह कदम संवैधानिक अधिकारों को पुनः बहाल करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों की विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाने के लिए अधिकृत किया है।
कैसे मिलता है पूर्ण राज्य का दर्जा?
पूर्ण राज्य का दर्जा एक प्रशासनिक इकाई को तब दिया जाता है जब उसके पास अपनी खुद की विधानसभा, सरकार और संवैधानिक अधिकार होते हैं। यह राज्य केंद्र सरकार के अधीन रहते हुए भी स्वायत्तता का अधिकार रखता है।