भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सैन्य अधिकारी के प्रताड़ना और उसकी मंगेतर के यौन उत्पीड़न मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी बयान के अनुसार, जांच की अध्यक्षता न्यायमूर्ति चितरंजन दास करेंगे, जो 60 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने ओडिशा हाईकोर्ट से मामले की निगरानी के लिए ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच पर नजर रखने का अनुरोध किया है।
‘सेना और महिलाओं का करते हैं सम्मान’
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बयान में कहा कि उनकी सरकार भारतीय सेना का सम्मान करती है और महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा व अधिकारों को लेकर बेहद संवेदनशील है। इस बीच, भरतपुर पुलिस थाने के पांच पुलिस कर्मियों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है। निलंबित कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 15 सितंबर की है, जब बंगाल में तैनात एक सैन्य अधिकारी और उसकी मंगेतर रोड रेज की शिकायत दर्ज कराने भरतपुर पुलिस थाने पहुंचे थे। कुछ स्थानीय युवकों द्वारा युगल पर हमले की शिकायत के बाद, एफआईआर दर्ज करने को लेकर पुलिस कर्मियों के साथ उनका विवाद हो गया। आरोप है कि थाने में ही पुलिसकर्मियों ने सैन्य अधिकारी के साथ मारपीट और उसकी मंगेतर का यौन उत्पीड़न किया।
इस घटना के बाद बीजद के नेता और विपक्ष के प्रमुख नवीन पटनायक ने न्यायिक जांच और विशेष जांच दल (SIT) से मामले की जांच कराने की मांग की है। विपक्षी दल बीजद ने 24 सितंबर को भुवनेश्वर बंद का आह्वान किया है।