नई दिल्ली। ब्रिटिश वैज्ञानिक विजेता पीटर हिग्स का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। पीटर हिग्स को उनके वैज्ञानिक योगदान की वजह से साल 2013 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पीटर हिग्स के निधन की खबर ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय ने मंगलवार दी। जिसमें बताया गया कि पीटर हिग्स का बिगड़ती तबीयत की वजह से सोमवार (8 मार्च) को निधन हो गया है। पीटर हिग्स ने 5 दशकों से भी ज्यादा तक वैज्ञानिक जगत में अपनी सेवाएं दी। उनको ‘गॉड पार्टिकल’ की खोज का श्रेय भी जाता है. हिग्स के महत्वपूर्ण सिद्धांतो के चलते उनकी गिनती अलबर्ट आइंसटीन और मैक्स प्लैंक जैसे महान वैज्ञानिकों के साथ की गई।
पीटर हिग्स ने लगभग 5 दशकों तक स्कॉटिश यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। उनके परिवार ने मीडिया और लोगों से उनकी निजता का सम्मान करने की अपील की है। पीटर हिग्स को हमेशा से ही एक महान वैज्ञानिक, एक महान शिक्षक और मार्गदर्शक माना जाता रहा है। उन्होंने कई सालों तक एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में एमिरेट्स प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दी।
साल 1964 में हिग्स ने ब्रह्मांड में हिग्स-बोसोन नाम के नए तत्व के होने संभावना बताई थी, लेकिन इस बात की पुष्टि होने में करीब 50 साल लग गए।
1964 में दिए हिग्स-बोसोन के सिद्धांत के लिए उन्हें साल 2013 का भौतिक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।