नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक राष्ट्रपति भवन में शुरू हो गई है। इस बैठक का मुख्य विषय “विकसित भारत 2047” है, जहां भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा की जाएगी। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और वितरण तंत्र को सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से यह बैठक आयोजित की गई है।
बैठक में बीजेपी के तमाम नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। हालांकि, कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट में भेदभाव का आरोप लगाते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया है।
नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री:
आंध्र प्रदेश: मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू
असम: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा
मणिपुर: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
अरुणाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन
त्रिपुरा: मुख्यमंत्री माणिक साहा
पुडुचेरी: मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी
ओडिशा: मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी
उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
गुजरात: मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल
राजस्थान: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मेघालय: मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा
बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्री:
तेलंगाना: मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी
तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
केरल: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन
पंजाब: मुख्यमंत्री भगवंत मान
दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
कर्नाटक: मुख्यमंत्री सिद्धरमैया
हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि केंद्रीय बजट में उनके राज्य के साथ विश्वासघात किया गया है। स्टालिन ने नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार का एलान किया है और कहा है कि तमिलनाडु की अनदेखी की गई है।
केरल: मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बैठक में भाग न लेने की सूचना दी और अपनी जगह केरल के वित्त मंत्री के बी बालगोपाल के शामिल होने की अनुमति मांगी है।
ममता बनर्जी का बयान
बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह आयोग केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है।
बैठक के प्रमुख विषय
नीति आयोग की इस बैठक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी:
पेयजल: पहुंच, मात्रा, और गुणवत्ता
बिजली: गुणवत्ता, दक्षता, और विश्वसनीयता
स्वास्थ्य: पहुंच, सामर्थ्य, और देखभाल की गुणवत्ता
स्कूली शिक्षा: पहुंच और गुणवत्ता
भूमि और संपत्ति: पहुंच, डिजिटलीकरण, पंजीकरण, और उत्परिवर्तन
नीति आयोग की यह बैठक भारत के विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित है, जहां 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम उठाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बहिष्कार के चलते इस बैठक के राजनीतिक आयाम भी खासे चर्चा में हैं। देखना होगा कि इस बैठक से क्या निष्कर्ष निकलते हैं और ये भारत के विकास में कैसे योगदान करते हैं।