बांग्लादेश में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी टिप्पणियां कीं, जिनमें से कुछ एनआईटी सिलचर से जुड़े हुए थे। जैसे ही यह मामला सामने आया, यूनिवर्सिटी ने इन बांग्लादेशी छात्रों को उनकी डिग्री प्रदान करने पर विचार करना शुरू कर दिया। इन छात्रों ने हाल ही में अपनी पढ़ाई पूरी की थी और बांग्लादेश में चल रहे प्रदर्शनों में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
डिग्री पर लग सकती है रोक
एनआईटी सिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार बैद्य ने एचटी से बातचीत में बताया कि विशेष रूप से एक छात्र, सआदत हुसैन अल्फी, का नाम सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर भारत विरोधी पोस्ट की थी। अभी तक अल्फी को डिग्री नहीं दी गई है और यूनिवर्सिटी इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि, अल्फी अब संस्थान में नहीं है और विरोध प्रदर्शन भारत के बाहर हुआ है, इसलिए तत्काल कोई निर्णय लेना मुश्किल हो रहा है।
भारत विरोधी टिप्पणियों के खिलाफ FIR दर्ज
बांग्लादेश में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी। इस दौरान, बांग्लादेश की कुछ भारत विरोधी ताकतों ने प्रदर्शनों का इस्तेमाल भारत और हिंदुओं के खिलाफ भावनाएं भड़काने के लिए किया। एनआईटी सिलचर के छात्रों की भारत विरोधी टिप्पणियों के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और साइबर सेल को निगरानी रखने के लिए कहा है।
छात्र को वापस लेने से किया इनकार
असम यूनिवर्सिटी में भी एक बांग्लादेशी छात्रा पर आरोप लगाए गए हैं कि उसने भारत विरोधी पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी थी। सोशल मीडिया पर उसका नाम सामने आने के बाद, उसे सुरक्षा कारणों से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। प्रोफेसर वैद्य ने कहा कि जब तक बांग्लादेश सरकार इस मामले में भारत सरकार से बातचीत नहीं करती, तब तक छात्रा को वापस लेने का कोई प्रश्न नहीं है। बांग्लादेश के लगभग 77 छात्र भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की छात्रवृत्ति पर भारत में पढ़ाई कर रहे हैं।