नई दिल्ली। भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज फाइनल में 89.45 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ के साथ दूसरे स्थान पर रहे और लगातार दूसरी बार ओलंपिक पदक जीतने में सफल रहे। नीरज इसके साथ ही दो ओलंपिक पदक जीतने वाले आजाद भारत के पहले एथलीट हैं। नीरज पिछले कुछ समय से लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं और देश को गौरवान्वित कर रहे हैं।
नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में भले ही स्वर्ण पदक का सफलतापूर्वक बचाव नहीं कर सके, लेकिन वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। नीरज से पहले पहलवान सुशील कुमार, बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू और निशानेबाज मनु भाकर ही यह उपलब्धि अपने नाम कर सके हैं। हालांकि, नीरज ओलंपिक में एथलेटिक्स यानी ट्रैक एंड फील्ड में दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय भी हैं।
नीरज सिंधू-मनु की सूची में शामिल हुए
नीरज से पहले सुशील कुमार ने 2008 में कांस्य और 2012 लंदन ओलंपिक में 66 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता, जबकि सिंधू ने महिला एकल मुकाबले में 2016 रियो ओलंपिक में रजत और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। महिला निशानेबाज मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में ही व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। अब नीरज ने यह कर दिखाया है। उन्होंने इस ओलंपिक से पहले टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक स्वर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।
वहीं, ट्रैक एंड फील्ड में साल 1900 में नॉर्मन प्रिचर्ड ने जरूर भारत के लिए खेलते हुए दो पदक जीते थे, लेकिन वह ब्रिटिश मूल के थे। प्रिचर्ड ने पुरुषों की 200 मीटर दौड़ और 200 मीटर बाधा दौड़ में दो रजत पदक जीते थे। नीरज का रजत एथलेटिक्स में भारत को मिला चौथा पदक रहा। प्रिचर्ड और नीरज के दो-दो पदक हैं।
पेरिस ओलंपिक में भारत को पांचवां पदक
भारत का यह पेरिस ओलंपिक में पांचवां पदक रहा। नीरज से पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक, फिर मनु ने सरबजोत के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक, स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कांस्य पदक और भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी कांस्य पदक अपने नाम किया।
गत चैंपियन नीरज ने पेरिस ओलंपिक की भाला फेंक स्पर्धा में रजत पदक जीता, लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक में नए रिकॉर्ड के साथ बाजी मार ली। 26 वर्ष के नीरज का दूसरा थ्रो ही उनका एकमात्र वैध थ्रो रहा जिसमें उन्होंने 89.45 मीटर फेंका जो इस सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो था। इसके अलावा उनके पांचों प्रयास फाउल रहे। उन्होंने टोक्यो में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ पीला तमगा जीता था।
नदीम के नाम ओलंपिक रिकॉर्ड
वहीं नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरा थ्रो ही 92.97 मीटर का लगाया। उन्होंने छठा और आखिरी थ्रो 91.79 मीटर का लगाया। पाकिस्तान का 1992 बार्सीलोना ओलंपिक के बाद यह पहला ओलंपिक पदक है। इससे पहले दस मुकाबलों में नीरज ने हमेशा नदीम को हराया था। नीरज लगातार दो ओलंपिक व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक जीतने वाले तीसरे और ट्रैक और फील्ड के पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले पहलवान सुशील कुमार (2008 और 2012) और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ( 2016 और 2020) यह कारनामा कर चुके हैं। नदीम को हांगझोऊ एशियाई खेलों में नीरज से प्रतिस्पर्धा करनी थी, लेकिन आखिरी मौके पर चोट के कारण उन्होंने नाम वापिस ले लिया। नीरज ने उन्हें 2018 एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में हराया था।