निकाय चुनाव- देहरादून सिटिजन्स फोरम ने जारी किया ग्रीन एजेंडा

12वीं अनुसूची के सभी कामों को हाथ में लेने, और उत्तराखंड निकाय कानून बनाने की भी मांग

देहरादून। नागरिक समूह, देहरादून सिटिजन्स फोरम (डीसीएफ) ने राज्य में होने जा रहे नगर निकायों के चुनावों के लिए अपना ग्रीन एजेंडा जारी किया। इस एजेंडे में 18 बिन्दुओं को शामिल किया गया है। इनमें 12वीं अनुसूचित में दिये गये सभी विषयों पर काम करने और उत्तराखंड का अपना नगर निकाय कानून बनाने की मांग भी शामिल है। राजनीतिक दलों को अपना उत्तराखंड अर्बन विशन डॉक्यूमेंट बनाने और इन बिंदुओं को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करने की मांग की गई है।

प्रेस क्लब में डीसीएफ की ओर से आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ग्रीन एजेंडा जारी किया गया। इस मौके पर फोरम के सदस्य जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि अब समय आ गया है, जब मेयर और पार्षदों को सड़क और सफाई जैसे मुद्दों से ऊपर उठकर सोचना होगा और काम करना होगा। यह काम किस दिशा में किया जाएगा, इसी के लिए ग्रीन एजेंडा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही फोरम की ओर से देहरादून में मेयर पद के उम्मीदवारों को बुलाकर मेयर संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।

फोरम के सदस्य अनूप नौटियाल ने 18 सूत्रीय ग्रीन एजेंडा पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों से मांग की जाएगी के वे पूरे राज्य के लिए ग्रीन मेनिफेस्टो जारी करें। इसके साथ ही सभी शहरों के लिए भी अलग-अलग मेनिफेस्टो जारी किये जाएं।

अनूप बडोला ने कहा कि ग्रीन एजेंडा सभी राजनीतिक दलों को देने के साथ ही सामाजिक, व्यापारिक और अन्य गैर सरकारी संगठनों, बार एसोसिएशन, आंदोलनकारी संगठनों को भी दिया जाएगा ताकि भविष्य के लिए जरूरी इस एजेंडे में व्यापक चर्चा हो सके। भारती जैन ने कहा की अगले चरण में डीसीएफ देहरादून के मेयर प्रत्याशियों के लिए मांग पात्र तैयार करेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आशीष गर्ग, मोंटी कोहली, जया सिंह, परमजीन सिंह कक्कड आदि ने भी अपनी बात रखी।

ग्रीन एजेंडा में मुख्य रूप से उत्तराखंड अर्बन विज़न 2025 मैनिफेस्टो बनाने और नियमित रूप से उसकी मॉनीटरिंग करने, चुने गये जनप्रतिनिधियों के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था करने, राजधानी का मुद्दा हल करने, मानव संसाधन विकास की नियमित प्रक्रिया शुरू करने, वार्ड समितियों का गठन करने, शहरी योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में जन भागीदारी सुनिश्चित करने, स्थानिक योजनाएं बनाने, कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था करने, जलवायु परिवर्तन की चुनैतियों का सामना करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने, ट्रैफिक, पार्किंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि की व्यवस्था करने और वार्ड कमेटियों का गठन करने की मांग की गई है।

ग्रीन एजेंडा डॉक्यूमेंट में शहर में पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास करने की बात कही गई है, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सामना किया जा सके। इसके अलावा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को हासिल करने के दिशा में प्रयास करने, शहर और शहर के आसपास की नदियों और जंगलों को सुरक्षित करने पर जोर दिया गया है। प्रेस वार्ता में कहा गया कि उत्तराखंड के नगर निकाय अब भी उत्तर प्रदेश के कानून से चल रहे हैं। यहां की भौगोलिक स्थिति और जरूरतें यूपी से अलग होने के कारण उत्तराखंड का अपना नगर निकाय कानून बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा संविधान के 12वीं अनुसूची में जो 18 विषय नगर निकायों को दिये गये हैं, उन पर काम करने की बात कही गई है।

डीसीएफ ने कहा है कि आने वाले दिनों में सभी राजनीति दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों को भी ग्रीन एजेंडा सौंपा जाएगा। देहरादून के मेयर के उम्मीदवारों के लिए अलग से एजेंडा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद सभी उम्मीदवारों का एक संवाद आयोजित करके ग्रीन एजेंडा पर उनकी राय लेने पर भी विचार किया जा रहा है।

डीसीएफ के फ्लोरेंस पांधी, अनीश लाल, सुधीर वढेरा, प्रमोद कुकरेती, इरा चौहान, हिमांशु अरोड़ा, संजीव श्रीवास्तव, स्वाति नेगी, एसडी उनियाल, गोपाल शर्मा, रमन्ना, संदीप बिजल्वाण, त्रिलोचन भट्ट, जितेन्द्र अंथवाल और अन्य सदस्य प्रेस वार्ता में मौजूद रहे।

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