लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अध्यक्ष चुने जाने के बाद मायावती ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि “देश में बहुजनों के गौरव के लिए बसपा आंदोलन के हित में हम कभी नहीं रुकेंगे और न ही कभी समझौता करेंगे। टूटने की बात तो बहुत दूर की है।”
राजनीति में सक्रिय रहने का संकल्प
बैठक से एक दिन पहले मायावती ने स्पष्ट किया कि सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि वह सक्रिय रहकर बहुजन आंदोलन का नेतृत्व करती रहेंगी। इससे पहले उनके संन्यास लेने की अटकलें लगाई जा रही थीं, और यह भी कहा जा रहा था कि वह अपने भतीजे आकाश आनंद का पार्टी में कद बढ़ा सकती हैं।
मायावती का आभार और संकल्प
मायावती ने लगातार पांचवें कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुने जाने के बाद ट्वीट कर सभी समर्थकों का आभार जताया। उन्होंने लिखा, “बहुजनों के अंबेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की विरोधियों की तमाम साजिशों को विफल करने और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिंदगी की आखिरी सांस तक BSP के आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान आंदोलन को समर्पित रहने का मेरा फैसला अटल है।”
BSP का चुनावी ऐलान
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। बसपा ने सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
मायावती को पहली बार 18 सितंबर 2003 को BSP का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था, और यह उनका लगातार पांचवां कार्यकाल है।