मथुरा(सतीश मुखिया)। देश में ठगों के नाम से प्रसिद्ध जामताड़ा भारत भर में प्रसिद्ध हुआ करता था, आज के दौर में मथुरा ठगों की नई शरणस्थली के रूप में उभर कर सामने आ रही है,यहां के साइबर अपराधी देशभर में लोगों को ठग रहे हैं। मेवात से सटे मथुरा के पांच थाना क्षेत्रों के तहत ऐसे 15 गांव हैं, जिनमें बैठे कई साइबर अपराधी लोगों को चूना लगा रहे हैं। इन सभी गांवों को पुलिस ने रेड जोन घोषित कर दिया है।
राजस्थान और हरियाणा की सीमा से सटा मथुरा यूं तो धर्मनगरी है। पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध यह जिला अब साइबर क्राइम के लिए बदनाम हो रहा है। मेवात से सटे इस क्षेत्र में साइबर क्राइम इन्फोर्समेंट एजेंसी ने ऐसे 15 स्थान चिह्नित किए हैं, जहां से साइबर ठग रैकेट संचालित कर रहे हैं। सीमावर्ती गांव होने के कारण ये ठग मोबाइल नेटवर्क का लाभ उठाते हैं। सीमा पर कभी यूपी तो कभी दूसरे राज्य का नेटवर्क काम करता है। इसी का लाभ उठाकर लोगों को फंसाया जाता है। हालांकि, यहां के 20 से ज्यादा ऐसे अपराधी पकडे़ भी गए हैं पर ठगी बदस्तूर जारी है। मथुरा में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अब गोवर्धन क्षेत्र में भी एक साइबर थाना खोलने की तैयारी है।
ये गांव रेड जोन घोषित
थाना गोवर्धन : देवसेरश, दौलतपुर, मडौरा, मलसराय, भगौसा, नगला अकतिया, कामा रोड गोवर्धन
थाना बरसाना : हथिया, उगला जानू
थाना कोसीकलां-शाहपुर, उटाबर
थाना शेरगढ़ : बिसंभरा, बाबूगढ, गुलालपुर। थाना छाता : छाता शेरगढ़ रोड
ठगी के नए नए तरीके
खाताधारकों के फिजिकल सत्यापन की मुहिम : इन 15 जगहों के बैंकों के खाताधारकों के फिजिकल सत्यापन की मुहिम शुरू की गई है। पुलिस ने सभी बैंकों को पत्र जारी किया है कि वे एक-एक खाताधारक को बैंक बुलाकर सत्यापन करें।
मथुरा के एसपी (अपराध) अवनीश कुमार बताते हैं कि साइबर क्राइम वेलकम किट का इस्तेमाल कर ठग करते हैं। दरअसल, ऑनलाइन जॉब के नाम पर पहले भोले-भाले लोगों से आधार कार्ड लेकर केवाईसी करा दी जाती है। इसमें अपूर्ण पतों को फीड कर दिया जाता है। उसके बाद बैंक की नोडल एजेंसी की ओर से अनुबंधित की गई कुरियर कंपनी को उस खाता धारक की वेलकम किट खाताधारक तक पहुंचाने के लिए दी जाती है।
अब साइबर अपराधी डिलीवरी ब्वाय के साथ मिलकर गलत पते पर वेलकम किट रिसीव कर लेते हैं और फिर इसमें बैंक खातों में दर्ज मोबाइल नंबरों को बदल देते हैं। जिन नंबरों से उन्हें बदला जाता है वह झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात व अन्य राज्यों के होते हैं। आम लोगों से ठगी गई रकम को इन खातों में डालकर तत्काल विड्रोल कर लिया जाता है।
साइबर अपराधी लोगों को चूना लगाने के सभी हथकंडे अपना रहे हैं। फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को झांसा देते हैं कि वे अपनी कार किराए पर लगाएं और हर माह मोटी रकम पाएं। यहां तक कि एग्रीमेंट भी करते हैं। हाल ही में इंस्टाग्राम पर ओरी कार नाम का पेज बनाकर इसी तरह की ठगी मथुरा में की गई जहां इनोवा क्रिस्टा प्रतिमाह 40 हजार रुपये किराए पर लगाने के नाम पर वरुण बंसल को चूना लगाया गया।साइबर अपराधी उनकी कार लेकर गायब हो गए। पुलिस ने इस गैंग को पकड़ा तो पता चला कि उन्होंने रोट्स कार रेंटल, टैक्सीडो जैसे नामों से इसी तरह की वेबसाइट बनाकर काफी लोगों के साथ ठगी की है। उनसे विभिन्न कंपनियों की गाड़ियां भी बरामद की गईं।
साइबर ठगी के लिए कुख्यात जामताड़ा को भी मथुरा पीछे छोड़ रहा है। आईआईटी-कानपुर से जुड़े एक स्टार्टअप, फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) ने कुछ समय पहले अपने अध्ययन पत्र ए डीप डाइव इनटू साइबर क्राइम ट्रेंड्स इम्पैक्टिंग इंडिया में दावा किया कि भरतपुर (18%), मथुरा (12%), नूंह (11%), देवघर (10%), जामताड़ा (9.6%), गुरुग्राम (8.1%) बढ़ोतरी के साथ भारत में साइबर अपराध के मामलों में शीर्ष पर हैं।