नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 90 मिनट के भाषण ने राजनीतिक संग्राम खड़ा कर दिया है. इस 90 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 बार, अमित शाह को 6 बार और राजनाथ सिंह को भी कई बार उठकर उन्हें टोकना पड़ा था. अब उनकी स्पीट से कई कई हिस्से हटा दिए गए हैं. हटाए गए हिस्सों में हिंदुओं और पीएम नरेंद्र मोदी-बीजेपी-आरएसएस समेत अन्य पर उनकी टिप्पणियां शामिल हैं.
बीजेपी ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नए नेता पर हिंदुओं का अपमान करने का आरोप लगाया है और मांफी मांगने के लिए कहा. अपनी स्पीच के दौरान राहुल ने संसद में भगवान शिव सहित अन्य धार्मिक तस्वीरें दिखाई. उनका ये विपक्ष का नेता बनने के बाद पहला भाषण था.
अपने इस भाषण में राहुल ने बीजेपी और उसके वैचारिक संरक्षक, आरएसएस पर एक भयंकर हमला किया. हिंदुओं को लेकर उनके बयान समेत भाषण के कुछ हिस्सों को अब सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया था. पार्टी ने संपूर्ण हिंदू समुदाय को हिंसक बताने के लिए कांग्रेस नेता की आलोचना की.
गांधी के वे बयान जो संसद की कार्यवाही से हटा दिए गए, उनमें बीजेपी पर उनके आरोप शामिल थे, जिसमें कहा गया था कि पार्टी अल्पसंख्यकों के साथ गलत व्यवहार कर रही है, उद्योगपति अडानी और अंबानी पर उनकी टिप्पणी, उनके आरोप थे कि NEET परीक्षा अमीर लोगों के लिए है और इसमें कोई जगह नहीं है. इसमें मेधावी छात्रों के लिए, और अग्निवीर योजना भारतीय सेना की नहीं, बल्कि पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) की है.
पीएम मोदी के अलावा, कम से कम पांच कैबिनेट मंत्रियों ने गांधी के भाषण के दौरान हस्तक्षेप किया, जो लगभग एक घंटे और 40 मिनट तक चला, गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे माफी की मांग की.