मुंबई। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना के बाद से पूरे राज्य में आक्रोश की लहर फैल गई है। इस बीच, राज्य सरकार ने सिंधुदुर्ग कलेक्टर का अचानक तबादला कर दिया है और उनकी पोस्ट को गैर-आईएएस जूनियर प्रशासनिक स्तर पर घटा दिया है। इस फैसले से विभिन्न हलकों में हलचल मची हुई है।
ताबदला और नए नियुक्तियाँ:
महाराष्ट्र राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा सोमवार देर रात जारी आदेश के तहत, कलेक्टर तावड़े को पुणे स्थित महाराष्ट्र राज्य कृषि निगम लिमिटेड का नया प्रबंध निदेशक बनाया गया है, जबकि पाटिल को सिंधुदुर्ग का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है।
प्रशासनिक स्तर पर बदलाव:
विधि विशेषज्ञ बैरिस्टर विनोद तिवारी ने न्यूज एजेंसी ‘आईएएनएस’ से कहा कि सिंधुदुर्ग जैसे महत्वपूर्ण जिले के कलेक्टर पद को अचानक गैर-आईएएस जूनियर प्रशासनिक स्तर श्रेणी में डाउनग्रेड किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ इस बदलाव की मंशा स्पष्ट नहीं है।
मूर्ति गिरने की घटना:
26 अगस्त को छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना से जनता में भारी आक्रोश फैल गया था। इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक हंगामा मच गया और महायुति सरकार पर दबाव बढ़ गया। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस घटना के लिए माफी मांगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 30 अगस्त को महाराष्ट्र में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान हाथ जोड़कर और सिर झुका कर माफी मांगी। इस प्रकार की माफी ने सभी को हैरान कर दिया, और यह घटना राजनीति में गहरे असर डाल रही है।