मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कोंकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग जिले में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के कारणों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में इंजीनीयर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि इस समिति को प्रतिमा के ढहने की वजहों की जांच करने के साथ ही एक नई और भव्य प्रतिमा बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। यह निर्णय मुख्यमंत्री शिंदे ने दक्षिण मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में वरिष्ठ मंत्रियों, अधिकारियों और नौसेना के अधिकारियों की एक बैठक में लिया।
प्रतिमा निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज
शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में निर्माण करने वाले ठेकेदार और कंपनी के मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आर्टिसरी कंपनी को शिवाजी महाराज की प्रतिमा का निर्माण करने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रतिमा का अनावरण 3 दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को दुखद बताया और आरोप लगाया कि कुछ लोग इस पर ओछी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिमा का निर्माण नेवी की ओर से किसी कंपनी को ठेका देकर कराया गया था, लेकिन कंपनी ने समुद्री वातावरण का सही आकलन नहीं किया। फडणवीस ने यह भी आश्वस्त किया कि सरकार शिवाजी महाराज की एक और मजबूत और भव्य प्रतिमा का निर्माण जल्द ही करवाएगी।