नई दिल्ली। ग्वालियर की राजमाता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का 15 मई की सुबह निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थीं. उनका दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा था. वे सेप्सिस के साथ-साथ निमोनिया से पीड़ित थीं. उनका पार्थिव शरीर दिल्ली में मंत्री सिंधिया के आवास पहुंच गया है. यहां पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनका परिवार घर में मौजूद है. उनका अंतिम संस्कार ग्वालियर में कल यानी 16 मई को शाम 4 से 5 बजे के आसपास होगा.
बता दें कि माधवी राजे सिंधिया नेपाल के शाही परिवार की थीं. उनके दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं. उन्हें प्रिसेंस किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी जाना जाता था. उनकी शादी साल 1966 में ग्वालियर के महाराजा यानी स्वर्गीय पिता माधवराव सिंधिया से हुई थी. सिंधिया परिवार के करीबी अमर कुटे ने बताया कि माधवी राजे सिंधिया का अंतिम संस्कार संभवत कल ग्वालियर में होगा. उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं. उनका अंतिम संस्कार कटोरा ताल के सामने स्थित सिंधिया राजवंश के समाधि परिसर अम्मा महाराज की छत्री पर होगा. यहां चबूतरा तैयार किया गया है. उनका अंतिम संस्कार पति स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की छत्री से 50 मीटर की दूरी पर होगा.
सीएम मोहन यादव ने जताया शोक
माधवी राजे के निधन के बाद प्रदेश सहित पूरे देश में शोक की लहर फैल गई है. उनके निधन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूज्य माता माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ. मां जीवन का आधार होती हैं, इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है. बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. ॐ शांति.’