पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार (3 सितंबर) को एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जाति जनगणना कराने के लिए विपक्ष मजबूर करेगा। लालू यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विपक्ष आरएसएस और बीजेपी के कान पकड़कर, उन्हें उठक-बैठक करवाकर जाति जनगणना करवाएगा।
लालू यादव की टिप्पणी:
लालू यादव ने कहा, “हम आरएसएस और बीजेपी के कान पकड़ेंगे, उठक-बैठक करवाएंगे और जाति जनगणना कराएंगे। उनके पास क्या अधिकार है कि वे जाति जनगणना नहीं कराएंगे? हम उन्हें इतना मजबूर कर देंगे कि उन्हें करना ही पड़ेगा।” उन्होंने जाति जनगणना को दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों के लिए एकता दिखाने का महत्वपूर्ण कदम बताया।
आरएसएस का नरम रुख:
लालू यादव की टिप्पणी आरएसएस के एक बयान के मद्देनजर आई है जिसमें सुनील अंबेकर ने जातियों या समुदायों पर डेटा एकत्र करने में कोई आपत्ति नहीं जताई, बशर्ते कि इसका उपयोग केवल उनके कल्याण के लिए किया जाए, न कि राजनीतिक उपकरण के रूप में।
जाति जनगणना की मांग:
जाति जनगणना की मांग हाल के महीनों में तेजी से बढ़ी है, विशेषकर सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उप-वर्गीकरण पर फैसले के बाद। विपक्षी नेताओं का तर्क है कि जाति जनसांख्यिकी पर सटीक डेटा के बिना, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की जरूरतों को पूरा करने वाली लक्षित नीतियों को लागू करना असंभव है।
लालू यादव की स्वास्थ्य स्थिति:
लालू यादव ने अपने स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर से लौटे हैं। यादव ने राजस्थान में तीन दिवसीय समन्वय बैठक के बाद जाति और जाति संबंधों को हिंदू समाज के लिए संवेदनशील मुद्दा बताते हुए एक गंभीर दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।