नई दिल्ली। केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 7 स्थित खेल परिसर में उत्साहपूर्ण वातावरण के बीच अद्वितीय खेलो इंडिया उभरती प्रतिभाओं की पहचान (कीर्ति) कार्यक्रम का उद्घाटन किया। 9 से 18 वर्ष की आयु-वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए शुरू की गयी इस राष्ट्रव्यापी योजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं: देश के हर कोने से प्रतिभा की खोज करना तथा मादक पदार्थों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की लत को रोकने के लिए खेल को एक प्रभावी उपाय के रूप में प्रयोग करना।
खिली हुई धूप के बीच, ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि ‘कीर्ति’, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना था कि खेल संस्कृति का निर्माण और प्रतिभाओं का एक समूह तैयार किया जाना चाहिए, जो ओलंपिक और एशियाई खेल जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भारत को पदक दिला सकें।
‘कीर्ति’ ने भारत के 50 केंद्रों में ठोस शुरुआत की है। पहले चरण में, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल समेत 10 खेलों के लिए पचास हजार आवेदकों का मूल्यांकन किया जा रहा है। कीर्ति का लक्ष्य अधिसूचित प्रतिभा मूल्यांकन केंद्रों के माध्यम से प्रतिभा की पहचान करने के लिए पूरे वर्ष के दौरान देश भर में 20 लाख आवेदकों का मूल्यांकन करना है।
ठाकुर ने कहा, “इस पैमाने का पर्यवेक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में पहली बार शुरू किया गया है और यह ऐसे समय में आया है, जब देश “2036 तक दुनिया के शीर्ष 10 खेल राष्ट्रों में और 2047 तक शीर्ष पांच राष्ट्रों में शामिल होना चाहता है।“
ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि युवा इस राष्ट्र के मूलभूत अंग हैं और खेलों में सकारात्मक परिणाम पाने के लिए एक व्यक्ति को बहुत ही जल्दी शुरुआत करनी होगी। यह बताते हुए कि एक एथलीट को एक ओलंपिक पदक जीतने के लिए कम से कम 10 वर्षों की तैयारी की आवश्यकता होती है, केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “कीर्ति देश के हर प्रखंड तक पहुंचना चाहती है और उन बच्चों से जुड़ना चाहती है जो खिलाड़ी बनना तो चाहते हैं लेकिन यह नहीं जानते कि शुरुआत कैसे हो। हम यह जानते हैं कि खिलाड़ी बनने वाला हर बच्चा पदक नहीं जीतेगा, लेकिन हम कम से कम युवाओं को मादक पदार्थों तथा अन्य व्यसनों से दूर रखने के लिए खेलों का उपयोग करना चाहते हैं। मैं प्रत्येक बच्चे से मायभारत पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने का आग्रह करता हूं और उनके पास पहुंचने एवं कीर्ति के माध्यम से उन्हें अवसर प्रदान करने की जिम्मेदारी हमारी होगी।”
कीर्ति का यह एथलीट-केंद्रित कार्यक्रम सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अपनी पारदर्शी चयन पद्धति के कारण विशिष्ट है। एक उभरते एथलीट में खेल कौशल का अनुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जा रहा है। श्री ठाकुर ने कहा कि इस पैमाने की प्रतिभा खोज प्रणाली को राष्ट्रीय खेल महासंघों और राज्य सरकारों के रणनीतिक सहयोग की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही बुनियादी ढांचे पर 3000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और देश भर में 1000 से अधिक खेलो इंडिया केंद्र उपलब्ध हैं।