नई दिल्ली। यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया को छुड़ाने के लिए तैयारी पूरी हो चूकी है. भारत सरकार ने रिहाई के संबंध में मनी ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. भारतीय दूतावास की तरफ से 40,000 डॉलर की राशि संबंधित व्यक्तियों को भेजी जाएगी. निमिषा प्रिया को 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या करने के आरोप में दोषी पाया गया था. जिसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. अब निमिषा प्रिया के केस में केरल की जनता ने एक बार फिर ब्लड मनी को जुटाया है ताकि निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाया जा सके.
क्या है पूरा मामला?
केरल के पलक्कड़ जिले की निमिषा नर्सिंग की साल 2012 में पढ़ाई के यमन गई थीं , उस दौरान उनके साथ उनका पूरा परिवार साथ था. निमिषा ने नर्सिंग की पढ़ाई खत्म करने के बाद वहां एक अस्पताल खोलने का सोचा था, लेकिन यमन के नियम के मुताबिक, ऐसा करने के लिए स्थानीय नागरिक होना जरूरी होता है. इसके लिए निमिषा की मदद तलाल अब्दो महदी नाम के युवक ने की. महदी ने निमिषा के साथ शादी के फर्जी पेपर बनवाए. जिसके बाद निमिषा को अस्पताल चलाने का लाइसेंस मिल गया.
निमिषा को परिवार के बिना अकेले पाकर महदी निमिषा के साथ यौन संबंध बनाने का दबाव डालने लगा. ऐसा नहीं करने पर अस्पताल बंद करवाने की धमकी देने लगा.साथ ही महदी ने नर्स का पासपोर्ट भी छीन लिया था. जिसके बाद निमिषा ने महदी से अपने दस्तावेज पाने की एक योजना बनाई और एक स्थानीय नर्स के साथ मिलकर महदी को नींद के इंजेक्शन दिए. लेकिन इंजेक्शन के ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई. जिसके बाद निमिषा को अरेस्ट कर लिया गया.
केरल से बड़ी संख्या में लोग हर साल सऊदी अरब में काम की तलाश में जाते हैं. इस वजह से सऊदी अरब में बड़ी संख्या में भारतीय पाए जाते हैं खासतौर पर ये नागरिक दक्षिण भारत के होते हैं. ऐसे में ये भारतीय कई बार सऊदी अरब के कानून के शिकंजे में फंस जाते हैं. जिसके बाद भारत में रह रहे परिजनों की गुहार पर भारत की तरफ से इन नागरिकों को बचाने के लिए प्रयास किए जाते हैं.
ब्लड मनी क्या होती है?
भारत की तरफ से निमिषा को सऊदी अरब की जेल से छुड़वाने के लिए ब्लड मनी ट्रांसफर होने जा रहा है. सऊदी अरब के कानून के मुताबिक, पीड़ित और उसका परिवार तय कर सकता हैं कि क्रिमिनल को क्या सजा दी जाए या नहीं. ये नियम हर अपराध में लागू होता है. पीड़ित परिवार के पास ये अधिकार होता है कि वे अपराधि से पैसे लेकर उसे माफ कर दे. इसे पैसे को ब्लड मनी कहते हैं. सऊदी अरब सरकार मानती है कि ये तरीका माफ करने के साथ-साथ पीड़ित को भी सपोर्ट देता है.