कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल नौ दिनों से जारी है। उनकी पांच सूत्री मांगों में प्रमुख रूप से आरजी कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना में न्याय की मांग की जा रही है। इसके साथ ही, डॉक्टरों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम को हटाने की भी मांग की है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य सचिव के रहते राज्य के स्वास्थ्य तंत्र में सुधार संभव नहीं है। उनका मानना है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ धमकाने की संस्कृति को समाप्त करना और सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है।
अस्पतालों में सुरक्षा पर जोर
जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार 100 करोड़ रुपये के बजट का उपयोग डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए किस प्रकार करेगी, इस पर स्पष्टता लाई जाए। डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को लागू करने, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और छात्र संघ चुनावों की मांग भी की है ताकि उनकी समस्याओं का उचित समाधान हो सके।
सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने विनीत गोयल को हटाकर मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों से मुलाकात कर उनकी कुछ मांगों पर सहमति जताई थी। लेकिन डॉक्टर अब मुख्यमंत्री के साथ एक और बैठक की मांग कर रहे हैं, ताकि उनके बाकी मुद्दों पर भी चर्चा हो सके।