नई दिल्ली: एक समय भारतीय आसमान की रानी कहलाने वाली एयरलाइन कंपनी Jet Airways का सफर अब पूरी तरह समाप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दे दिया, जिससे कंपनी के फिर से उड़ान भरने की उम्मीदें भी समाप्त हो गईं। Jet Airways ने अप्रैल 2019 में कैश संकट के चलते अस्थायी रूप से अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं।
20 हजार नौकरियां गईं, बकाया हजारों करोड़ में
एयरलाइन के ठप होने के बाद से लगभग 20,000 से अधिक नौकरियां प्रभावित हुई हैं। ऋणदाताओं, विक्रेताओं और यात्रियों का हजारों करोड़ रुपये का बकाया अब दिवाला समाधान की प्रतीक्षा में है। सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन का परिसमापन आदेश देकर Jet Airways की यात्रा का औपचारिक समापन कर दिया।
आखिरी उड़ान और कर्ज की भारी भरकम राशि
Jet Airways की आखिरी उड़ान 17 अप्रैल 2019 को अमृतसर से मुंबई पहुंची थी। कंपनी पर बैंकों का लगभग 8,500 करोड़ रुपये का बकाया था। एयरलाइन की शुरुआत टिकट एजेंट के तौर पर नरेश गोयल द्वारा की गई थी, जो बाद में भारत की प्रमुख निजी एयरलाइन में शामिल हो गई।
फेल हुआ जालान-कलरॉक गठजोड़
2021 में दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत जालान-कलरॉक गठजोड़ (JKC) ने Jet Airways का अधिग्रहण करने के लिए बोली जीती थी, लेकिन ऋणदाताओं के साथ लगातार विवादों के कारण समाधान योजना को अमल में नहीं लाया जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने परिसमापन के साथ-साथ JKC द्वारा जमा किए गए 200 करोड़ रुपये जब्त करने और एसबीआई को 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भुनाने का आदेश दिया।
अब Jet Airways की पहचान धूल खाते हुए कुछ विमानों और हजारों कर्मचारियों की बाधित आजीविका तक सीमित रह गई है।