जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार (23 जूलाई) को चार सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया. सूत्रों के मुताबिक ये चारों देश के खिलाफ पिछले कई समय से साजिश कर रहे थे. जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें दो पुलिसकर्मी, एक स्कूल शिक्षा विभाग के जूनियर असिस्टेंट और इसके अलावा एक ग्रामीण विकास विभाग के ग्राम सेवक शामिल हैं. माना जा रहा है कि ये चारों लंबे समय से आतंकियों के संपर्क में थे.
लगातार जम्मू-कश्मीर में हो रहे आतंकी हमलों के बाद सरकार प्रदेश में छिपे हुए राष्ट्रविरोधी तत्वों का सफाया करने में लग गई है. सूत्रों के अनुसार इन चार बर्खास्त किए गए कर्मियों में से तीन कर्मी नार्को टेरर माडयूल में शामिल हैं, वहीं एक पुलिसकर्मी आतंकियों के लिए हथियार का इंतजाम करता था. ये सभी पाकिस्तान की आईएसआई और अन्य आतंकवादी संगठनों के लिए काम कर रहे थे. इन चारों के खिलाफ भारत की कई खुफिया एजेंसियां ने आपत्तिजनक साक्ष्य इकट्ठे कर लिए हैं.
जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें शामिल हैं पुलिस कांस्टेबल अब्दुल रहमान डार और गुलाम रसूल भट, जल शक्ति विभाग के सहायक लाइनमैन अनायतुल्ला शाह पीरजादा और स्कूल शिक्षक शबीर अहमद वानी शामिल हैं. ये एक्शन जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लिया गया है.
5 साल में 63 सरकारी कर्मी बर्खास्त
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व मे बीते पांच सालों में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के चलते करीब 63 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है. ये सभी या तो किसी अलगाववादी गतिविधी में शामिल थे या फिर आतंकवादियों से कोई न कोई लिंक रखते थे. राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के चलते डीएसपी देवेंद्र सिंह को भी बर्खास्त कर लिया गया था और जेल में डाल दिया गया था. इसके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा के अधिकारी आदिल मुश्ताक को भी आतंकवादी गतिविधियों के चलते निलंबित कर दिया गया था.