नई दिल्ली। आबादी के मामले में भारत पहले ही चीन से आगे निकल चुका है, और अब एक सरकारी आंकड़े में अनुमान लगाया गया है कि 2036 तक देश की जनसंख्या 150 करोड़ के आंकड़े को भी पार कर जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने पिछले साल अप्रैल में ही चीन को पीछे छोड़ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया था। उस समय चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ थी और भारत की आबादी 142.86 करोड़ तक पहुंच गई थी। 1950 के बाद यह पहली बार था, जब भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ दिया था।
हालांकि अब सामने आए सरकारी आंकड़ों में अनुमान लगाया गया है कि 12 साल बाद भारत की जनसंख्या 152.2 करोड़ होने की संभावना है। यह अनुमान सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ‘भारत में महिला और पुरुष 2023’ रिपोर्ट में लगाया गया है।
आखिरी बार 2011 में हुई थी राष्ट्रीय जनगणना
देश में आखिरी बार साल 2011 में यूपीए सरकार के दौरान राष्ट्रीय जनगणना करवाई गई थी, उस समय देश की जनसंख्या 121.08 करोड़ दर्ज की गई थी। मंत्रालय ने अपनी ‘भारत में महिला और पुरुष 2023’ रिपोर्ट में कहा, “रिपोर्ट एक व्यापक और व्यावहारिक दस्तावेज है, जो भारत में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति का समग्र दृष्टिकोण लाने का प्रयास करता है और विभिन्न विषयों पर डेटा प्रदान करता है। इसका अलग-अलग डेटा पुरुषों और महिलाओं के विभिन्न समूहों के बीच मौजूद असमानताओं को समझने में मदद करता है।”
कम होगा महिला और पुरुषों के बीच का अनुपात
अनुमान लगाया गया है कि 2036 में महिलाओं की आबादी का हिस्सा 48.8% होगा, जबकि 2011 में यह 48.5% थी। वहीं, लिंग अनुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 943 महिलाओं का होगा, जो 952 तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, 15 वर्ष से कम आयु के लोगों का अनुपात 2036 में घटने का अनुमान है, जिसका सबसे संभावित कारण प्रजनन क्षमता में गिरावट है। इसके विपरीत, रिपोर्ट से पता चलता है कि इन 25 वर्षों में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वालों का अनुपात बढ़ सकता है।
पिछले महीने विश्व निकाय ने अपनी ‘द वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024’ रिपोर्ट में कहा था कि भारत की जनसंख्या “2060 के दशक की शुरुआत में लगभग 1.7 बिलियन (170 करोड़) तक पहुंच जाएगी और फिर 12% की गिरावट आएगी, लेकिन देश पूरी सदी में दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा।”