बॉर्डर सेफ्टी के लिए भारत सरकार ने किया कमिटी का गठन

नई दिल्ली: बांग्लादेश में हालिया तख्तापलट के बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने गुरुवार रात राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर कड़ा हमला किया और उनके इस्तीफे को देश को मिली दूसरी स्वतंत्रता करार दिया।

शपथ ग्रहण के बाद, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनियाभर के प्रमुख नेताओं ने मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने पर बधाई दी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की।

भारत सरकार ने बांग्लादेश की स्थिति पर निगरानी बढ़ाई
बांग्लादेश में उत्पन्न स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने अपनी सीमा सुरक्षा को कड़ा कर दिया है और वहां की स्थिति पर गहरी नजर बनाए हुए है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने बांग्लादेश-भारत सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा स्थिति पर नजर रखने के लिए एक कमिटी का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि यह कमिटी बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पीएम मोदी ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों का भविष्य और संभावित प्रभाव
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच गहरे संबंध रहे हैं, लेकिन नई सरकार के साथ रिश्तों का भविष्य अनिश्चित है। यदि बांग्लादेश भारत से दुश्मनी मोल लेता है, तो इसका नुकसान बांग्लादेश को ही होगा। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि बांग्लादेश को भारत से मिलने वाली बिजली पर निर्भरता है। भारत अगर बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई बंद कर दे, तो बांग्लादेश की बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है। वर्तमान में, अडानी पावर लिमिटेड कंपनी झारखंड में स्थित थर्मल पावर प्लांट से बांग्लादेश को 1496 मेगावाट बिजली सप्लाई करती है।

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