रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन ने अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए राज्य के विकास और कल्याण के लिए 7 मुख्य गारंटियों की घोषणा की है। इन गारंटियों में विशेष रूप से पिछड़ा वर्ग कल्याण और खाद्य सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है।
गठबंधन ने वादा किया है कि यदि वह सत्ता में आता है, तो झारखंड में एक अलग पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, 1932 के खतियान को लागू करने और प्रत्येक व्यक्ति को 7 किलोग्राम अनाज देने का आश्वासन दिया गया है। महिलाओं के लिए “मैया सम्मान योजना” के तहत हर महिला को 2500 रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की भी घोषणा की गई है।
घोषणा पत्र में शामिल 7 प्रमुख गारंटियाँ:
खतियान की गारंटी: 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता नीति लागू की जाएगी, सरना धर्म कोड की मान्यता दिलाई जाएगी, और क्षेत्रीय भाषा व संस्कृति का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
मैया सम्मान की गारंटी: दिसंबर 2024 से मैया सम्मान योजना के तहत हर महिला को 2500 रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी।
सामाजिक न्याय की गारंटी: अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 28%, अनुसूचित जाति (एससी) को 12%, ओबीसी को 27% और अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण दिया जाएगा। साथ ही, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की स्थापना की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा की गारंटी: हर व्यक्ति को 7 किलोग्राम राशन प्रदान किया जाएगा, और गरीब परिवारों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।
रोजगार और स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी: राज्य के 10 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और 15 लाख रुपये तक का पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।
शिक्षा की गारंटी: राज्य के सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज और जिला मुख्यालयों में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनाई जाएगी, और हर जिला मुख्यालय में 500 एकड़ का औद्योगिक पार्क स्थापित किया जाएगा।
किसान कल्याण की गारंटी: धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2400 रुपये से बढ़ाकर 3200 रुपये किया जाएगा। साथ ही, लाह, तसर, करंज, इमली, महुआ, चिरौंजी और साल बीज आदि के समर्थन मूल्य में 50% तक की बढ़ोतरी की जाएगी।
इंडिया गठबंधन का यह घोषणा पत्र राज्य के सभी वर्गों के समग्र विकास और कल्याण की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है, जिसमें विशेष रूप से सामाजिक न्याय, रोजगार, शिक्षा, और किसानों के हितों पर जोर दिया गया है।