नई दिल्ली। आयकर विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 1700 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार ताजा डिमांड नोटिस आकलन वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए जारी किया गया है और इसमें जुर्माना और ब्याज शामिल है। इससे पहले गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के खिलाफ चार साल के लिए पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही के आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस पार्टी की याचिका खारिज कर दी थी। हाल ही में कोर्ट ने 2014 से 2017 वर्ष बीच के करों के पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अलग-अलग आकलन वर्षों से संबंधित चार याचिकाएं खारिज कर दीं। ये याचिकाएं मूल्यांकन वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 से संबंधित थीं।
इससे पहले 22 मार्च को, अदालत ने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के आकलन वर्षों के लिए आयकर विभाग द्वारा शुरू की गई पुन: मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती देने वाली कांग्रेस द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस से करीब 105 करोड़ रुपये का बकाया कर वसूलने के आयकर नोटिस पर रोक लगाने से इनकार करने के आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के फैसले को बरकरार रखा है। हालांकि, अदालत ने कांग्रेस पार्टी को अपनी शिकायतों के साथ नए सिरे से आईटीएटी में जाने की स्वतंत्रता दी है। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हाल ही में आयकर वसूली के खिलाफ आईटीएटी का दरवाजा खटखटाया था और उनके बैंक खातों की वसूली और फ्रीज करने की आयकर विभाग की कार्यवाही पर रोक लगाने की भी मांग की थी।
कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था कि आयकर विभाग ने सुनवाई के नतीजे का इंतजार किए बिना बैंकों के पास पड़ी शेष राशि को फ्रीज कर दिया। पार्टी ने अपील की थी कि जब तक स्थगन आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक विभाग अपनी कार्रवाई रोक दे। इस बीच, कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को आर्थिक रूप से ‘पंगु’ बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी की एक हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी के बैंक खातों से जबरन पैसा लिया जा रहा है।