अगरतला। भाजपा की त्रिपुरा इकाई ने गुरुवार को विपक्ष पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि यह कानून उन क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा जहां छठी अनुसूची और इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू हैं।
यह आश्वासन सबसे पुरानी पार्टी आदिवासी कांग्रेस द्वारा त्रिपुरा के मुख्य सचिव जेके सिंह को एक ज्ञापन सौंपने के कुछ दिनों बाद आया, जिसमें विवादास्पद कानून के कार्यान्वयन पर चिंता व्यक्त की गई थी। लगभग 35 वर्षों तक राज्य पर शासन करने वाली सीपीआई (एम) ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की।
भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख राजीब भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, “विपक्षी दल सीएए के बारे में लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं… यह अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से भाग रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के बारे में बहुत स्पष्ट है।”