दूध पोषण का खजाना माना जाता है. इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन और कई तरह के मिनरल्स होते हैं. दूध पीने से हड्डियां और मसल्स मजबूत होते हैं. दूध पचने में आसान होता है, इसलिए इसे किसी समय पी सकते हैं. दूध ठंडा भी पी सकते हैं और गर्म भी. हालांकि, बहुत से लोग कच्चा दूध पीना पसंद करते हैं। हालांकि, इसके कई नुकसान हो सकते हैं. दूध को बिना उबाले पीने से कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कच्चा दूध पीने से क्यों मना किया जाता है।
दूध क्यों उबाला जाता है
दूध उबालने के बाद उसका पोषण बदल जाता है. उबलाने के बाद दूध में मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स का ब्रेकडाउन होता है. इससे दूध पचाना आसान हो जाता है. उबालने से दूध में मिलने वाले बैक्टीरिया भी समाप्त हो जाते हैं, इसलिए दूध को उबालकर ही पीने की सलाह दी जाती है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि दूध को हमेशा उबालने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए।
दूध कितनी देर उबालना चाहिए.
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेंशन के एक अध्ययन में बताया गया है कि गाय का कच्चा दूध हमेशा 95ए सेल्सियस टेंपरेचर पर ही उबालकर पीना चाहिए. इससे उसमें मौजूद बैक्टीरिया पूरी तरह खत्म हो सकता है. इससे फूडबोर्न डिजीर का रिस्क भी बेहद कम हो जाता है और यह दूध शरीर में सही तरह लगता भी है।
दूध उबालने से क्या-क्या फायदा होता है
दूध में लैक्टोज नाम के कार्ब्स पाए जाते हैं. जब दूध को उबालते हैं तो लैक्टोज में बदलाव होने लगता है और लैक्टुलोज नाम के एक शुगर में बदल जाता है. इस शुगर के कारण से उबले हुए दूध को पचाने में कच्चे दूध की तुलना में बहुत ज्यादा आसान होता है. इसलिए दूध को कच्चा नहीं उबालकर पीना चाहिए।