नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोक सभा और राज्य सभा में केरल के वायनाड में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए अमित शाह ने इस घटना में जान गंवाने और घायल होने वाले सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आपदा के इस समय में नरेन्द्र मोदी सरकार केरल की जनता और राज्य सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए हरसंभव मदद औऱ प्रयास किया जा रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत में आपदा के प्रति बचाव-केन्द्रित अप्रोच थी, लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार में ज़ीरो कैज़ुअल्टी अप्रोच के साथ काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि वे केन्द्र द्वारा भेजी गई सूचनाओं के अनुसार लोगों को समय से पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। शाह ने कहा कि भारत सरकार ने इस आपदा के समय में बचाव कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी है और प्रधानमंत्री मोदी स्वयं नियंत्रण कक्ष से इसकी लगातार जानकारी ले रहे हैं।
इससे पहले, राज्य सभा में इसी विषय पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपदा से 7 दिन पहले 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी और इसके बाद 24, 25 तारीख को भी अर्ली वॉर्निंग दी गई। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को केरल सरकार को बताया गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक भारी वर्षा होगी और भूस्खलन की संभावना है जिसमें जान का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों ने अगर अर्ली वार्निंग को पढ़ा होता तो ये स्थिति न आती।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं जिन्होंने इस प्रकार की अर्ली वॉर्निंग का उपयोग कर ज़ीरो कैज़ुअल्टी डिज़ास्टर मैनेजमेंट किया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 7 दिन पहले सायक्लोन अलर्ट भेजा और वहां सिर्फ एक व्यक्ति की गलती से जान गई। गुजरात में 3 दिन पहले अलर्ट भेजा औऱ वहां एक पशु की भी जान नहीं गई।
अमित शाह ने कहा कि 2014 के बाद से भारत सरकार ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर 2000 करोड़ रूपए खर्च किए हैं और इसे साझा किया जाता है। उन्होंने कहा कि 7 दिन पहले सभी राज्यों को सूचना भेजी जाती है और वो सूचना वेबसाइट पर सभी के लिए उपलब्ध है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्षा, हीटवेव, तूफान, चक्रवात और बिजली गिरने की सूचना देने के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम मौजूद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अगर अर्ली वार्निंग सिस्टम की जानकारी का अभाव है तो ये गलत है, लेकिन जानकारी है और राजनीति कर रहे हैं तो ये दुखद है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इसका उपयोग किया है औऱ इसके परिणाम भी आए हैं।
अमित शाह ने कहा कि उन्हीं के अनुमोदन से भारत सरकार द्वारा 23 जुलाई को 9 NDRF की टीमें केरल के लिए विमान से भेजी गईं कि वहां भूस्खलन हो सकता है। उन्होंने पूछा कि केरल सरकार ने वहां रह रहे वल्नरेबल लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया क्योंकि अगर शिफ्ट किया गया होता तो इतने लोगों की जान क्यों जाती।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भारत में स्थापित करने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आपदा का 7 दिन पहले अनुमान देने वाले चार देशों में भारत शामिल है।
अमित शाह ने कहा कि SDRF के तहत कोई भी राज्य 10 प्रतिशत राशि अपने हिसाब से जारी कर सकता है और भारत सरकार के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए बिना किसी मंज़ूरी के 100 प्रतिशत राशि को जारी कर सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 2014 से 2024 तक 6,244 करोड़ रूपए मंज़ूर किए गए हैं, जिनमें से 4,619 करोड़ रूपए जारी भी कर दिए गए हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 7 दिन पहले अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी और 23 जुलाई को NDRF की 9 बटालियन भेज दी थीं और 3 बटालियन कल रवाना की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये समय केरल सरकार औऱ वहां की जनता के साथ खड़ा रहने का है। श्री शाह ने दोहराया कि इस संकट की घड़ी में नरेन्द्र मोदी सरकार केरल की जनता और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।