नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को भी हंगामेदार रही। कांग्रेस समेत विपक्षी दल नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़े रहे। वहीं, लोकसभा स्पीकर ने विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि वे राष्ट्रपति के अभिभाषण से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। इसस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने माइक बंद करने से जुड़ी बात कही। राहुल के सवाल पर स्पीकर ने साफतौर पर अपनी बात कही।
‘यहां कोई बटन नहीं होता’
स्पीकर ने राहुल गांधी से कहा कि मैं माइक बंद नहीं करता हूं, मैंने पूर्व में भी आपको व्यवस्था दी थी। स्पीकर ने कहा कि यहां कोई बटन नहीं होता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस दौरान कहा कि हम हिंदुस्तान के छात्रों को सरकार और विपक्ष की तरफ से संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम उनके मुद्दे को जरूरी मानते हैं। इसलिए हम छात्रों के प्रति सम्मान जताने के लिए नीट के मुद्दे पर विशेष चर्चा करना चाहते थे। लोकसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी और विपक्षी सदस्य हंगामा करते रहे। हंगामे के कारण सदन की बैठक सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राहुल ने की बिरला से मुलाकात
इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की थी। राहुल ने बिरला की तरफ से सदन के भीतर आपातकाल का उल्लेख किए जाने को लेकर यह कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई कि यह कदम राजनीतिक था और इससे बचा जा सकता था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संसद भवन में बैठक के बाद इस संबंध में जानकारी दी।
राहुल ने उठाया इमरजेंसी का मुद्दा
वेणुगोपाल ने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। इस दौरान गांधी ने सदन में अध्यक्ष द्वारा आपातकाल का उल्लेख किए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता घोषित किया। उसके बाद राहुल गांधी गठबंधन के सहयोगी नेताओं के साथ अध्यक्ष से मिले। कांग्रेस नेता ने बताया कि राहुल ने विपक्ष के नेता के रूप में अध्यक्ष को इस मुद्दे के बारे में सूचित किया
लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यभार संभालने के बाद गांधी की अध्यक्ष के साथ यह पहली बैठक थी। उनके साथ सपा के धर्मेंद्र यादव, द्रमुक की कनिमोझी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सुप्रिया सुले और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी के अलावा कुछ अन्य लोग भी थे।