नई दिल्ली। नीट-यूजी पेपर लीक मामले को लेकर सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियां और उनके कार्यकर्ता भी देशभर में हंगामे कर रहे हैं. गुरुवार को भारतीय युवा कांग्रेस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में कथित धांधली के खिलाफ प्रदर्शन किया और छात्रों के लिए न्याय तथा शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की. हद तो तब हो गई जब कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के कार्यकर्ताओं की लगभग 100 लोगों की भीड़ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के दिल्ली कार्यालय में घुस गई. एनटीए ऑफिस के बाहर से रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कई युवा कार्यकरता पेड़ों से घिरी गली से होते हुए एनटीए भवन की ओर मार्च करते हुए दिखाई दे रहे हैं और वे अंदर घुसकर चिल्ला रहे हैं. नीट-यूजी पेपर लीक मामले में सरकार ने केस सीबीआई को सौंप दिया है और बिहार से दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है.
कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीजार्च!
दूसरी ओर युवा कांग्रेस का कहना है कि उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीजार्च किया जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं. संगठन के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा, ‘‘नीट परीक्षा में धांधली और घोटाला सिर्फ 24 लाख छात्रों के साथ ही धोखा नहीं है, बल्कि देश की मेडिकल व्यवस्था और देश के भविष्य के साथ धोखा है. आज देश में ऐसी कोई परीक्षा नहीं है, जिसमें धांधली न हो. छात्रों ने सोशल मीडिया पर इस सरकार को ‘एक बार फिर लीकेज सरकार’ लिखना शुरू कर दिया है. उन्होंने मांग की कि नीट परीक्षा निरस्त करके फिर से कराई जाए और धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दें.
#WATCH | Delhi | Members of NSUI today held a protest demonstration at National Testing Agency (NTA) office calling for a ban on the agency, in view of recent exam irregularities
(Video source: NSUI) pic.twitter.com/joto7jGiOF
— ANI (@ANI) June 27, 2024
सीबीआई ने 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार
गुरुवार को पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी की. एजेंसी ने मनीष कुमार और आशुतोष को गिरफ्तार किया, जिन्होंने कथित तौर पर स्टूडेंट्स तक प्रश्वपत्र पहुंचाया था. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि कुमार ने छात्रों को एक खाली स्कूल में ले जाने की सुविधा प्रदान की, जहां उन्हें याद रखने के लिए लीक हुआ प्रश्न पत्र दिया गया, जबकि आशुतोष ने आवास प्रदान किया. एनईईटी (और यूजीसी-नेट) परीक्षा विवाद का मतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती दिनों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं. बीते सोमवार को जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपने सांसद पद की शपथ ले रहे थे तो विपक्षी दलों ने NEET और ‘शर्म करो’ के नारे लगाते हुए उन्हें घेर लिया. शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा है कि सरकार लीक हुए प्रश्नपत्रों के मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है.