गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, जिसने सलमान खान सहित कई बड़ी हस्तियों को जान से मारने की धमकी दी थी और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी, इन दिनों सुर्खियों में है। दो साल पहले 2022 में पंजाब की जेल में बंद रहने के दौरान उसका एक इंटरव्यू वायरल हुआ था, जिसे लेकर अब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सरकार को आदेश का पालन न करने पर नाराजगी जताई, जिसमें इंटरव्यू की अनुमति देने वाले वरिष्ठ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।
जेल अधिकारियों पर कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट की चेतावनी
हाई कोर्ट ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को चेतावनी दी कि वह इस मामले में केवल जेल अधिकारियों को दोषी ठहराकर ‘बलि का बकरा’ न बनाए। गैंगस्टर के इंटरव्यू मामले में पंजाब पुलिस के सात अफसरों को निलंबित किया गया था। कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग के प्रमुख प्रबोध कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम द्वारा नए सिरे से जांच का भी आदेश दिया। कोर्ट ने इसे जेल सुरक्षा का उल्लंघन मानते हुए नाराजगी जताई कि पुलिस ने जांच रिपोर्ट देने में आठ महीने से अधिक समय लगा दिया।
वायरल इंटरव्यू पर कोर्ट की नाराजगी
न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह और लापीता बनर्जी की पीठ ने कहा कि निलंबित अधिकारियों में ज्यादातर जूनियर रैंक के थे और केवल दो उपाधीक्षक-रैंक के अधिकारियों को दंडित किया गया। कोर्ट ने कहा कि बिश्नोई को इंटरव्यू के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा दी गई, जिससे अपराध का महिमामंडन हुआ।
युवाओं पर बुरा असर, राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
कोर्ट ने कहा कि इस इंटरव्यू को अब तक 12 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है, जिससे युवा दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और यहां कानून-व्यवस्था में गिरावट या अपराध की वृद्धि राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डाल सकती है।