मथुरा। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर स्थित हसुडी औसानपुर गांव को कि भनवापुर ब्लॉक में स्थित, राज्य का पहला एलईडी गांव बन चुका है। यह गांव ऊर्जा संरक्षण और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में एक प्रमुख उदाहरण प्रस्तुत करता है।
गांव में 1116 एलईडी बल्बों का वितरण किया गया, जिसके परिणामस्वरूप बिजली की खपत में 54.06 किलोवाट की कमी आई है। एलईडी बल्ब सामान्य बल्बों की तुलना में अधिक ऊर्जा दक्ष होते हैं, जिससे बिजली की खपत में भारी कमी आती है और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, गांव में सोलर पैनल से संचालित स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना भी की गई, जिससे 8.25 किलोवाट ऊर्जा की बचत हुई है।
आरजीएनआईवाईडी द्वारा भेजी गई टीम ने इस गांव का अध्ययन किया और पाया कि हसुड़ी औसानपुर में कार्बन न्यूट्रल पंचायत के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह पहल न केवल ऊर्जा की खपत को कम करने में सफल रही है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी समाधान और हरित ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है।
इस गांव की कार्यप्रणाली को देखते हुए, इसे नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा, दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण जैसे 12 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। इन पुरस्कारों से यह स्पष्ट है कि हसुड़ी औसानपुर अपने स्वावलंबी विकास और सतत विकास की दिशा में एक प्रेरणास्त्रोत बन चुका है।
यह सफलता अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करती है, जहां ऊर्जा के संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग किया जा सकता है और पर्यावरण की रक्षा करते हुए विकास की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं।