नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हैट्रिक जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है। इस सफलता के बाद, मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी की होड़ शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि इस बार मुख्यमंत्री दक्षिण हरियाणा से होना चाहिए। इससे पहले, वरिष्ठ नेता अनिल विज भी सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी जता चुके हैं।
राव इंद्रजीत सिंह की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि जिस क्षेत्र ने भाजपा को हरियाणा में सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई है, उसे मुख्यमंत्री पद में प्रमुखता दी जानी चाहिए। चुनाव प्रचार के दौरान भी राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी दावेदारी की घोषणा की थी। साथ ही, उनकी बेटी आरती सिंह ने अटेली सीट से जीत दर्ज की है, हालांकि उनकी जीत का अंतर मात्र 3,085 वोटों का रहा।
दक्षिण हरियाणा में भाजपा का प्रदर्शन:
गुरुग्राम की सभी 4 सीटें भाजपा ने जीतीं।
फरीदाबाद और पलवल की 9 में से 7 सीटें भाजपा के खाते में गईं।
नूंह की सभी 3 सीटें कांग्रेस ने जीतीं।
सत्ता संतुलन पर भाजपा की रणनीति:
मीडिया सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने हरियाणा में अपने दम पर बहुमत हासिल किया है और पार्टी पर पिछले चुनावों की तरह गठबंधन का दबाव नहीं है। चर्चा है कि नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और दो उपमुख्यमंत्री भी नियुक्त किए जा सकते हैं, जिसमें से एक दलित समुदाय से होगा।
नायब सिंह सैनी की मजबूत दावेदारी:
पार्टी सूत्रों के अनुसार, नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना सबसे अधिक है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने यह चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में सैनी को जीत का श्रेय दिया है। वहीं, राव इंद्रजीत सिंह दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता हैं और उन्होंने भाजपा को अपने क्षेत्र में मजबूत किया है, जिससे उनकी दावेदारी भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इस राजनीतिक दौड़ में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे मुख्यमंत्री के रूप में चुनती है और प्रदेश की नई सरकार किस तरह से सत्ता संतुलन साधती है।