राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू करने की घोषणा की गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार पहुंचने के कारण दिल्ली-एनसीआर गैस चैम्बर में तब्दील हो चुका है। इसके चलते सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ रही है और धुंध के कारण विमान और ट्रेनों के संचालन में देरी हो रही है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने GRAP-3 लागू करने का निर्णय लिया है, जो 15 नवंबर से प्रभावी होगा।
GRAP-3 लागू होने का उद्देश्य और समय
GRAP में चार चरण होते हैं, जो मध्यम से लेकर गंभीर प्रदूषण स्तर के अनुसार अलग-अलग कदम उठाते हैं। GRAP-3 तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी (AQI 401-450) में पहुंच जाता है। यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
GRAP-3 के तहत लगे प्रतिबंध
निर्माण और डिमोलिशन कार्यों पर रोक: दिल्ली-एनसीआर में 15 नवंबर से गैर-आवश्यक निर्माण और डिमोलिशन का कार्य बंद रहेगा। हालांकि, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा, मेट्रो, रेलवे और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्य जारी रहेंगे।
पुराने वाहनों पर प्रतिबंध: BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर रोक लगाई जाएगी। इन वाहनों के सड़कों पर चलने पर सख्त कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा।
औद्योगिक गतिविधियों पर नियंत्रण: कुछ प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद रखने का निर्देश दिया जाएगा, जबकि आवश्यक उद्योगों को संचालन की अनुमति होगी।
कचरे का जलना प्रतिबंधित: प्रदूषण फैलाने वाले कचरे और अन्य सामग्री को जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
खनन पर रोक: खनन से जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी और प्रमुख सड़कों पर प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव किया जाएगा।
जनता के लिए निर्देश: लोगों को जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है और निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है।
इन सख्त नियमों का उद्देश्य प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करना और दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।