नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेबी प्रमुख पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को एक बड़ी साजिश करार दिया है। पार्टी ने हिंडनबर्ग के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया है, इसे भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और देश में निवेश को नष्ट करने की एक चाल बताया।
भाजपा का आरोप, हिंडनबर्ग में जॉर्ज सोरोस का निवेश
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप और विपक्ष द्वारा बाजार नियामक की आलोचना एक व्यापक साजिश का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “हिंडनबर्ग में कौन निवेशक है? जॉर्ज सोरोस, जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रचार करते हैं, वे मुख्य निवेशक हैं। ये केवल भारत विरोधी प्रचार करते हैं और मोदी सरकार को हटाना चाहते हैं।”
जॉर्ज सोरोस का परिचय
जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुखर आलोचक हैं और ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के संस्थापक हैं। भाजपा उन पर भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाती है।
कांग्रेस के कार्यकाल में रिपोर्ट की अनुपस्थिति
प्रसाद ने यह भी सवाल उठाया कि कांग्रेस के 2004 से 2014 के शासनकाल के दौरान कई कथित घोटाले हुए, लेकिन तब ऐसी आलोचनात्मक रिपोर्ट क्यों नहीं लाई गई? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी इस काल्पनिक रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अराजकता पैदा करने में शामिल है।
निवेशकों ने साजिश को नकारा
प्रसाद ने यह भी कहा कि निवेशकों को साजिश का एहसास हो गया है और उन्होंने बाजार को झटका देने के प्रयासों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, “हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘फुस्स’ साबित हुई है क्योंकि भारत के निवेशकों ने इस शार्ट सेलर और कांग्रेस के ‘सुनियोजित षडयंत्र’ पर विश्वास नहीं किया।”
कांग्रेस के हिंदुस्तान से नफरत का आरोप
प्रसाद ने आरोप लगाया कि छोटे निवेशकों ने बड़ी संख्या में अपना पैसा शेयर बाजार में लगाया है, और उन्होंने आश्चर्य जताया कि कांग्रेस उन्हें क्यों नुकसान पहुंचाना चाहती है। उन्होंने दावा किया, “राहुल गांधी और उनके टूलकिट मित्रों की अगुवाई में कांग्रेस अब हिंदुस्तान से नफरत करने लगी है।”
सेबी ने हिंडनबर्ग को भेजा था नोटिस
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ शेयर बाजार में हेरफेर के अपने पिछले साल के आरोपों के तहत अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा था, लेकिन उसने जांच में शामिल होने के बजाय सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच को निशाना बनाया।